भोपाल/बुरहानपुर, 6 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में कर्ज से परेशान एक किसान के आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि किसान ने सूदखोर से कर्ज लेकर बेटे को गिरवी रखा था और जब वह उसमें नाकाम रहा, तो उसने जान दे दी।
भोपाल/बुरहानपुर, 6 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में कर्ज से परेशान एक किसान के आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि किसान ने सूदखोर से कर्ज लेकर बेटे को गिरवी रखा था और जब वह उसमें नाकाम रहा, तो उसने जान दे दी।
कांग्रेस कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने रविवार को संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने सूदखोरों के खिलाफ कानून बनाने का प्रस्ताव सात साल पहले तैयार किया, जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ, उसी का नतीजा है कि एक किसान कारकुंडा (42) ने बुरहानपुर के भोलना गांव में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली।
सिंह ने कहा कि सामने जो बात आई है, वह राज्य को कलंकित करने वाली है, क्योंकि उसने एक सूदखोर से कर्ज लेकर अपने बेटे को गिरवी रखा था और उसे वह छुड़ा नहीं पाया। इससे परेशान होकर उसने तीन दिन पहले आत्महत्या की।
बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने आईएएनएस से बातचीत में इस बात को साफ नकार दिया कि किसान ने बेटे को गिरवी रखकर कर्ज लिया था और उसे छुड़ा न पाने पर आत्महत्या कर ली। जो कहा जा रहा है, वह एकतरफा बात है।
गांव के सरपंच ओमराज वावस्कर ने संवाददाताओं को बताया है कि यह सही है कि कारकुंडा पर सोसायटी का डेढ़ लाख रुपये का कर्ज था। उसी से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है।