नई दिल्ली, 9 अक्टूबर – तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने जमानत के लिए गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में दोषी करार दी गई और वर्तमान में बेंगलुरू जेल में बंद जयललिता ने बीमारी सहित कई आधार पर जमानत मांगी है।
जयललिता और उनकी सहेली शशिकला नटराजन, वी. के. सुधाकरण और जे. इलावारासी को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जमानत देने से मना कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि जमानत मंजूर करने का कोई आधार नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय में जयललिता ने अकेले ही याचिका दायर की है। अन्य तीनों एक या दो दिनों में अपनी अपील दायर करेंगे।
स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगने के अलावा जयललिता ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 389 के तहत अपनी सजा को निलंबित करने और निचली अदालत के दोषी ठहराए जाने के फैसलों को चुनौती देने वाली अपनी अपील के लंबित रहने तक जमानत मंजूर करने का आग्रह किया है। निचली अदालत ने उन्हें चार वर्ष कैद की सजा और 100 करोड़ रुपये जुर्माना किया है।
उच्च न्यायालय ने 7 अक्टूबर को जयललिता एवं तीन अन्य को जमानत देने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला दिया था। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने से सजा स्वत: ही निलंबित या खत्म नहीं हो जाती। अदालत ने कहा था कि दोषी ठहराए जाने के बाद जमानत की याचिका, मामले की सुनवाई के दौरान जमानत की अर्जी से भिन्न होती है।
उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय की उस व्यवस्था का भी उल्लेख किया जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था, “भ्रष्टाचार मानवाधिकार का उल्लंघन है और इससे आर्थिक असंतुलन पैदा होता है।”