नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्नाद्रमुक द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामेदार विरोध करने से एक बार फिर सदन की कार्यवाही बाधित रही।
विरोध प्रदर्शन के चलते सभापति एम. वेंकैया नायडू को दोपहर दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सदन की बैठक आरंभ होते ही राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से निर्वाचित होकर आए राज्यसभा सदस्यों ने अपने पद की शपथ ली।
इसके तत्काल बाद तेदेपा, अन्नाद्रमुक और कांग्रेस के सदस्य ‘आंध्रप्रदेश बचाओ’, ‘नरेंद्र मोदी दलित विरोधी’ और ‘हमारी मांग कावेरी बोर्ड’ के नारे सभापति के आसन के पास इकट्ठा हो गए। उनके साथ कुछ अन्य दलों के भी सांसद थे।
तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टर भी लहराए।
नायडू ने उनसे शांत होने और सदन के पटल पर प्रस्ताव रखकर अपने मसले को उठाने को कहा, लेकिन उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया।
कांग्रेस सदस्यों ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों को नरम करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध किया।
अन्नाद्रमुक व द्रमुक सदस्यों ने तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी नदी जल बटवारे के मसले के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करने की मांग की।
वहीं, तेदेपा ने आंध्रप्रदेश के लिए विशेष दर्जा की मांग करते हुए पोस्टर दिखाकर विरोध जताया।
विपक्षी सदस्यों के हंगामा के बीच संसदीय कार्यमंत्री विजय गोयल ने मोदी सरकार को दलित विरोधी बताने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की।
सदस्यों के व्यवहार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा, “कई विधेयक लंबित हैं। लोग विकास और कानून चाहते हैं। विरोध से कोई फायदा नहीं हो होने वाला। मैं आपको हर मसले पर विमर्श करने की अनुमति देने को तैयार हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आसन चर्चा की अनुमति दे रहा है, लेकिन सदस्य इसके लिए तैयार नहीं है। आप लोगों के धर्य की परीक्षा ले रहे हैं। पूरा देश आपको देख रहा है। आप लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।”
हंगामा जारी रहने के काण नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही दोहपर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।