भोपाल-बात सिंहस्थ की है उसके करता धरता महन्थों को राज्यमंत्री का दर्जा दे सत्ता ने अपने पाले में किया था वे थे नरेंद्र गिरी और हरी गिरी.गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह की अगुआई में यह भेंट शासन ने अन्य साधुओं को बस में करने के लिए दी थी.उस समय से ये साधू शासन से मांग कर रहे थे और जैसे ही चुनावी अवसर आया नर्मदा किनारे हुए वृक्षारोपण की पोल खोलने की धमकी दे इन्होने अपनी मांग पूरी करवा ली लेकिन समाज के सामने इन संतों की पोल खुल गयी.ये कथित करोडपति संत हैं नर्मदानंद,हरिहरानंद,भैय्युजी, कंप्यूटर बाबा ,और पंडित योगेन्द्र .
होली हाइनेस से नीचे हिज हाइनेस की पदवी स्वीकार की
वर्षों से विवादित इन संतों की पोल शासन ने एक लालच दे और उसे स्वीकार करवा कर खोल दी.स्पष्ट हो गया की इन्होने यह चोला क्यों ओढा हुआ है.सत्ता तो अपनी चाल चलती ही है लेकिन इन ढोगियों की पोल शासन के माध्यम से खुल गयी.संत का जीवन क्या होता है उसकी मर्यादाएं क्या होती हैं इस सौगात के स्वीकार करने से इनकी पोल खुली.
निकाल रहे थे पोल खोल यात्रा उपहार मिलते ही जयकारा लगाने लगे
- इन कथित संतों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गयी नर्मदा यात्रा के दौरान रोपे पौधों में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने हेतु यात्रा निकालने का संकल्प लिया लेकिन इसके पीछे इनकी मंशा सिर्फ अपनी मांगें पूरी करवानी थी और ये कथित संत सत्ता की इस मोहिनी में फंस गए.इसमें भूमिका निभाई शिवराज सिंह के करीबी गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने.
संत कभी लेन – देन में नहीं पड़ता,राज्य मंत्री का दर्जा नहीं लेना चाहिए – योगी रामनाथ जी .महंथ भरथरी गुफा,उज्जैन