नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। जयपुर के डोनर का दिल अब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के कनौनी गांववासी 56 वर्षीय सरकारी कर्मचारी के शरीर में धड़क रहा है। बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने जीवनरक्षक सर्जरी करते हुए दिल का प्रत्यारोपण किया।
सरकारी कर्मचारी असाध्य रोग ‘डायलेटेड कार्डिमायोपैथी’ से पीड़ित था। उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। वह अचानक बेहोश हो जाता था। मानवीय आधार पर यह ट्रांसप्लांट किया गया, क्योंकि रिसीवर निम्न आय वर्ग का था। सर्जरी के पैसे भी नहीं लिए गए। सफल प्रत्यारोपण के बाद मरीज की सेहत में सुधार है। उसके दो बेटे और दो बेटियां हैं।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यह हृदय प्रत्यारोपण संभव हुआ, जब जयपुर के एक 30 वर्षीय पुरुष को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित किया गया। उसकी कुछ ही दिन पहले सड़क दुर्घटना हुई थी। गुर्दे और आंखों का प्रत्यारोपण जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ही किया गया। लिवर और दिल को दिल्ली भेजा गया था।
जैसे ही एनओटीटीओ ने दिल के डोनर की उपलब्धता की सूचना दी, बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीटीवीएस विभाग के चेयरमैन और एचओडीए डॉ. अजय कौल के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम तत्काल हरकत में आई। दो अप्रैल को तड़के फ्लाइट से वे जयपुर पहुंचे।
सीटीवीएस में सीनियर कंसल्टेंट और डायरेक्टरए डॉ. सुशांत श्रीवास्तव, कार्डियोलॉजी में कंसल्टेंट डॉ. धीरज गंडोत्रा, एनेस्थेशिया के डायरेक्टर और एचओडी डॉ. जसबीर सिंह खनूजा ने तीन अप्रैल की रात को जयपुर में हृदय को हार्वेस्ट किया।
हार्वेस्टेड हार्ट ने रात 10.05 की फ्लाइट से उड़ान भरी और स्पेशल केस होने की वजह से बिफोर-टाइम इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर रात 10. 47 बजे पहुंची। आईजीआई एयरपोर्ट से बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बीच 15 किलोमीटर की दूरी पर एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिससे रात को ही 18 मिनट में ह्दय अस्पताल तक पहुंच सका। तब डॉ. अजय कौल और उनके साथ उनकी टीम ने तीन अप्रैल की सुबह हृदय का प्रत्यारोपण किया।
डॉ. अजय कौल ने कहा, “रिसिवर पिछले कुछ सालों से हृदय की जटिलताओं से जूझ रहा था। जुलाई 2017 में बीएलके सुपर स्पेशलिटी में उसे पेसमेकर लगाया गया था। पेसमेकर लगाने के 4-5 महीने बाद भी उसे अचानक आंखों के आगे अंधेरा छाने और बेहोश होने की समस्या हो रही थी। बेहतर क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए हृदय प्रत्यारोपण ही आदर्श विकल्प था।”
रेडिएंट लाइफ केयर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अभय सोई ने कहा, “यह बहुत उत्साहवर्धक है कि हमारे एक्सपर्ट्स ने सफलतापूर्वक हृदय प्रत्यारोपण किया। ऐसे प्रत्यारोपण जागरूकता पैदा करते हैं और बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”