नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) से अर्थव्यवस्था को उच्चस्तर का नियमनिष्ठ (फॉरमलाइजेशन) बनाया है, जिससे प्रत्यक्ष कर राजस्व बढ़ा है और आयकर रिटर्न फाइलिंग में भी तेज बढ़ोतरी हुई है।
जेटली ने ट्वीट कर कहा, “नोटबंदी और जीएसटी के असर से अर्थव्यवस्था उच्चस्तर की नियमनिष्ठ हुई है। वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में एक करोड़ से ज्यादा करदाताओं ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है।”
वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में कुल 6.84 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए, जबकि पिछले वर्ष में रिटर्न दाखिल करनेवालों की संख्या 5.43 करोड़ थी।
जेटली ने कहा, “वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण 10,02,607 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष से 18 फीसदी अधिक है।”
उन्होंने कहा, “आंकड़ों में कर विभाग की दक्षता और ईमानदार करदाताओं की संख्या में वृद्धि का पता चलता है। यह ऐतिहासिक राजस्व प्राप्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत जवाबदेह शासन की पुष्टि करती है।”