उधर गजियापुर से आकर सिंगाही इलाके के महादेवा टांडा, नौरंगाबाद और घोसियाना गांवों में एक हफ्ते तक डेरा जमाने के बाद एक बाघिन अभी निघासन में डेरा जमाए ही थी, दो मार्च को सिंगाही इलाके में एक और बाघिन ने शावकों के साथ दस्तक दे दी है।
एक मार्च को तिकुनियां इलाके से होकर निबौरिया के बंजरिया फार्म पहुंची बाघिन ने यहां अपने खेत में बरसीम काट रहे किसान राघवेंद्र सिंह पर हमला कर दिया। किसान ने शोर मचाने हुए दरांती से किसी तरह से अपना बचाव किया। आसपास के किसान भी मौके पर पहुंचकर शोर मचाने लगे। इस पर बाघिन अपने शावकां के साथ पास के गन्ने के खेत में चली गई।
गांव के लोग राघवेंद्र को लेकर गांव के ही एक निजी डॉक्टर के पास पहुंचे और उसका उपचार कराया।
गांव के लोगों ने इस घटना की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी। वन विभाग की टीम और एसओ अजय मिश्र मौके पर पहुंचे। लोगों ने संयम बनाए रखने की अपील की। शाम होने तक बाघिन उसी खेत में जमी थी। वन विभाग ने लोकेशन ली तो बाघिन की मौजूदगी रामकुमार यादव के खेत में पाई गई। बाघिन पूरे दिन इसी खेत में डेरा जमाए रही। वन विभाग और पुलिस दूसरे दिन भी बाघिन की निगरानी करते रहे।
उत्तरी खीरी बेलरायां के रेंज अफसर एम.एन. सिंह ने बताया, “शावक बाघिन से अलग हो गए हैं, अब हमारी कोशिश तीनों को जंगल की ओर भेजने की है।”