बांदा, 23 सितंबर – उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में मदरसे में तालीम हासिल कर रहीं गांवों और पिछड़े क्षेत्रों की छात्राओं को अब हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी की भी शिक्षा दी जाएगी। इसका इंतजाम महिलाओं के लिए काम रहे संगठन ‘चिराग फाउंडेशन’ ने किया है। मौजूदा सत्र में मदरसे की बच्चियां हिंदी और अंग्रेजी का कोर्स भी पढ़ेंगी। इस पहल का शहर के लोगों के स्वागत किया है। शहर के पिछड़े क्षेत्र खाईपार में कई वर्षो से मदरसा चल रहा है। चिराग फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. शबाना रफीक ने अब मदरसे की छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी की शिक्षा लेने को प्रेरित करने के लिए छात्राओं को इन दोनों विषयों की किताबों समेत अन्य किताबें, कापी और शिक्षण सामग्री मुफ्त वितरित की हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की इस मुहिम में अब समाज के विभिन्न लोग भी अपना सहयोग दे रहे हैं।
डॉ. शबाना और शहर की एक अन्य महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.मोनिका सक्सेना ने एक कार्यक्रम में बालिकाओं को सफाई और सेहत के बारे में जानकारियां दीं और उन्हें साफ-सुथरा रहने के लिए प्रेरित किया।
वहीं, डॉ. सबीहा ने छात्राओं से कहा कि न सिर्फ दीनी तालीम, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी व अन्य विषयों में भी महारत हासिल कर रोजगार पाएं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें।