नई दिल्ली- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मुख्य अभियंताओं का वार्षिक सम्मेलन और उपकरण प्रबंधन सम्मेलन 23 सितंबर से 26 सितंबर तक पुणे स्थित जीआरईएफ केंद्र में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक और विभिन्न परियोजनाओं के 18 मुख्य अभियंता वर्तमान में चल रहे विभिन्न कार्यो पर विचार-विमर्श और संगठन की भावी कार्यवाही की योजनाएं तैयार करेंगे। इस अवसर पर सीमा सड़क विकास बोर्ड (बीआरडीबी) के सचिव संजीव रंजन भी उपस्थित रहेंगे।
चार दिन के सम्मेलन में संगठन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इस दौरान कुछ कंपनियों को भी विचार-विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया है जो बीआरओ द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली विभिन्न नवीनतम तकनीकों पर अपना पक्ष रखेंगी।
सीमा सड़क संगठन, सेना की सामरिक और आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संगठन ने विशेष तौरपर सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक, आर्थिक विकास में भी अहम भागीदारी निभाई है।
सीमा सड़क संगठन वर्तमान में 23,410 किलोमीटर सड़कों और 30,982 मीटर पुलों का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही यह संगठन 25,700 किलोमीटर सड़कों और पुलों के रखरखाव भी करता है।
संगठन ने सेना की सामरिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुरंग बनाने के क्षेत्र में भी प्रवेश किया है। हिमाचल प्रदेश में 8.8 किलोमीटर रोहतांग सुरंग का निर्माण जारी है और 4.4 किलोमीटर सुरंग का काम पूरा हो चुका है। जोजिला और जेड मोड़ सुरंग निर्माण के लिए व्यवहारिकता अध्ययन पूरा हो चुका है और आशा है कि अगले वर्ष से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
बसौली में रावी नदी पर 592 मीटर लंबा रस्सियों पर आधारित एक पुल का निर्माण किया जा रहा है जो उत्तर भारत में इस तरह का पहला पुल होगा। इस पुल के बन जाने से पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर के बीच संपर्क और बढ़ेगा।