लखनऊ , 16 सितंबर – लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाली उप्र की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को विधानसभा उपचुनाव में शानदार सफलता हासिल हुई है। पार्टी ने आठ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है जबकि मैनपुरी संसदीय सीट पर उसने अपना कब्जा बरकरार रखा है। इधर, उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केवल तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। मैनपुरी लोकसभा व 11 विधानसभा सीटों पर सपा को मिली सफलता पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी काफी प्रसन्न दिखाई दिए। कैबिनेट की बैठक के बाद मंगलवार को अखिलेश ने कहा कि उप्र की जनता विकास व खुशहाली के रास्ते पर ले जाने वालों के समर्थन में है। सांप्रदायिकता के नाम पर वोट बटोरने वालों को इस परिणाम से सबक मिल ही गया होगा।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार शुरू से ही प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने का काम कर रही है। हमारी सारी योजनाएं समय से पूरी हो रही हैं और जनता को इसका लाभ भी मिल रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में सपा के पक्ष में वोट देकर अन्य दलों को चेतावनी भी दे दी है कि जनता किसी के बहकावे में आने वाली नहीं है।
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि इस उपचुनाव को केंद्र सरकार से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उपचुनाव हमेशा सत्ताधारी दल के पक्ष में जाता ही है, इसलिए इसे केंद्र सरकार की नाकामी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
वाजपेयी ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उपचुनाव में मिली हार से पार्टी को अच्छा सबक मिला है और इसका लाभ वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘पार्टी हार की समीक्षा करेगी और कमियों को समय रहते दूर किया जाएगा।’
इस बीच मैनपुरी से सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैनपुरी की जनता ने सपा के प्रति जो विश्वास कायम किया है, उस पर वह खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि मैनपुरी के विकास के लिए जो कुछ भी करना पड़े वह करेंगे।
मैनपुरी संसदीय सीट पर सपा के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार प्रेम सिंह शाक्य को तीन लाख से अधिक मतों से हराया है।
इधर, उत्तर प्रदेश में सभी 11 विधानसभा सीटों के नतीजे भी घोषित हो गए। चरखारी में सपा के कप्तान सिंह ने कांग्रेस के रामजीवन को 50805 वोटों से हराया है जबकि सिराथू में सपा के वाचस्पति ने भाजपा के संतोष सिंह पटेल को 24522 वोटों से हराया।
बलहा विधानसभा सीट पर सपा के बंशीधर बौद्ध ने भाजपा के अक्षयबर लाल को 25,181 मतों से हराया है जबकि ठाकुरद्वारा में सपा के नवाब जान ने भाजपा के राजपाल चौहान को 27743 वोटों से हराया है।
सहारनपुर नगर में भाजपा के राजीव गुंबर ने सपा के संजय गर्ग को लगभग 26,667 मतों से हराया है। हमीरपुर में सपा के शिवचरण प्रजापति ने भाजपा के जगदीश प्रसाद को 68,556 वोटों से हराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अंतर्गत रोहनिया विधानसभा सीट पर सपा के महेंद्र सिंह पटेल ने अपना परचम लहराया। उन्होंने अपना दल की कृष्णा पटेल को लगभग 14,449 वोटों से हराया। इस महत्वपूर्ण विधानसभा सीट पर भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल की शर्मनाक हार ने सपा सांसद नरेश अग्रवाल के इस बयान को सही ठहराया है कि “लगता है यूपी के लोगों के सिर से मोदी जी का भूत उतर गया।”
प्रदेश की निघासन विधानसभा सीट पर भी सपा के कृष्ण गोपाल पटेल ने भाजपा के रामकुमार वर्मा को 45976 वोटों से हराया है। बिजनौर में सपा की रुचिवीरा ने भाजपा के हेमेंद्र पाल को 11,567 मतों से हराया है जबकि लखनऊ पूर्व में भाजपा के आशुतोष टंडन ने सपा की जूही सिंह को 26,459 वोटों से हराया है।
नोएडा भाजपा की विमला बाथम ने सपा की काजल शर्मा को 58952 मतों से हराया।
उल्लेखनीय है कि उप्र में सहारनपुर नगर, बिजनौर, ठाकुरद्वारा, नोएडा, निघासन, लखनऊ पूर्वी, हमीरपुर, चरखारी, सिराथू, बलहा (आरक्षित) और रोहनिया विधानसभा सीटें लोकसभा चुनाव के बाद खाली हो गई थीं। 13 सितंबर को इन सीटों के लिए मतदान हुआ था।
इन सभी सीटों से चुने गए विधायक डॉ. महेश शर्मा, कलराज मिश्र, अजय मिश्र, सावित्री बाई फुले, साध्वी निरंजना ज्योति, उमा भारती, कुंवर भारतेंदु, कुंवर सर्वेश कुमार सिंह, राघव लखनपाल, केशव प्रसाद तथा अनुप्रिया पटेल चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए थे।
इसके साथ ही आजमगढ़ और मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद इस सीट पर भी 13 सितंबर को ही मतदान हुआ था।