बीजिंग, 15 सितंबर – चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बुधवार से हो रहे भारत दौरे के दौरान हाई स्पीड रेलवे, बुलेट ट्रेन, रेलवे स्टेशन और प्लेटफार्म के आधुनिकीकरण और रेलकर्मियों के प्रशिक्षण के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में चीन के रेल विभाग के अधिकारी एक से अधिक बार भारत का दौरा कर चुके है और परियोजनाओं पर बातचीत चल रही है। एक दल ने पिछले सप्ताह ही भारत का दौरा किया था।
बीजिंग में चुनिंदा भारतीय पत्रकारों के दल के साथ बातचीत में चीन के सहायक विदेश मंत्री लियु जियानचाओ ने भी इस बात के संकेत दिए।
उन्होंने कहा, “भारत एक बड़ा देश है और वहां उत्तर से दक्षिण को जोड़ने के लिए हाई स्पीड ट्रेन की जरूरत है। ”
उन्होंने कहा कि चीन के पास कम लागत में सबसे लंबा, सबसे तेज और उच्च प्रौद्योगिकी के रेल संचालन की विशेषज्ञता है जिसका भारत लाभ उठा सकता है।
चीन रेलवे के मुख्य अभियंता हे हुआयू ने संवाददाताओं से कहा, “चीन भारत को बुलेट ट्रेन या हाई स्पीड ट्रेन के क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी मुहैया करा सकता है।”
उन्होंने कहा कि चीनी रेलवे के अधिकारियों ने भारत का दौरा किया है और परियोजनाओं पर विस्तृत बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि एक दल ने पिछले सप्ताह ही भारत का दौरा किया है।
हुआयू ने कहा कि प्रति किलोमीटर खर्च के मामले में जापान, जर्मनी एवं अन्य देशों के मुकाबले चीन कम लागत पर बुलेट ट्रेन का निर्माण कर सकता है।
उन्होंने कहा कि चीन ने हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क के निर्माण के लिए अर्जेटीना, तुर्की और वेनेजुएला के साथ समझौता किया है और कुछ अन्य देशों के साथ बातचीत चल रही है।
सूत्रों के अनुसार चीन भारत को बुलेट ट्रेन आपूर्ति में वित्तीय मदद की पेशकश भी कर सकता है। हाई स्पीड रेलवे के निर्माण से लोगों के यात्रा में लगने वाले समय की भी बचत होगी।
उल्लेखनीय है कि चीन में 2004 में लंबी अवधि के लिए रेलवे विकास योजना का खाका खींचा गया था और इसके बाद इसने तेजी से विकास किया। राजधानी बीजिंग से शंघाई के बीच 1,318 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड रेलवे चरणों में नहीं, बल्कि एक बार में बनाया गया।
चीन में वर्ष 2013 तक हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क 11,028 किलोमीटर लंबा रहा है और यह दुनिया में सबसे बड़ा है।
उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 सितंबर से भारत के तीन दिवसीय दौरे पर होंगे। अपने दौरे के प्रथम पड़ाव के तहत वह पहले गुजरात जाएंगे, और उसके बाद वह दिल्ली आएंगे।