न्यूयॉर्क, 11 सितंबर- शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को वायु प्रदूषण के कारण मस्तिष्क से जुड़ी गंभीर बीमारियों जैसे अल्जाइमर और पार्किं सन का जोखिम ज्यादा होता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अमेरिका के मोंटाना विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु में मौजूद घातक कण शरीर की स्वाभाविक बाधाओं, जैसे श्वसन, जठरांत्र और रक्त-मस्तिष्क को पार कर जाते हैं, जिसका शरीर पर दीर्घकालिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
शोध दल ने मैक्सिको सिटी में रहने वाले 58 बच्चों और ग्रामीण परिवेश वाले बच्चों के रक्त और मस्तिष्कमेरु-द्रव्य की तुलना की।
मुख्य शोधकर्ता काल्डेरॉन-गारसिड्यूनास ने कहा, “शोध के दौरान, शहरों में रहने वाले बच्चों के रक्त और मस्तिष्कमेरु-द्रव्य में मस्तिष्क के टाइट जंक्शन और तांत्रिका प्रोटीन का ऑटो-एंटिबॉडी का स्तर ज्यादा पाया गया।”
इसका सीधा सा मतलब है कि आयु बढ़ने के साथ ही मस्तिष्क के क्षय में तेजी आएगी और एक दिन यह अल्जाइमर या पार्किं सन जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनेगी।
यह अध्ययन पत्रिका ‘अल्जाइमर्स डिजीज’ में प्रकाशित हुआ है।