मुख्यमंत्री जिले के चंदन चाफी बरहवा में आयोजित राजस्व गांव के लिए पट्टा प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के लिए पिछले 100 वर्षों से लड़ रहे हजारों वनटांगिया परिवारों की लड़ाई को आज मुकाम मिल गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 1915-16 से वनटांगिया परिवार आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आजादी के बाद भी इनकी दशा को सुधारने के लिए किसी सरकार ने पहल नहीं की।
गरीबों व दलितों के नाम राजनीति करने वाली सपा-बसपा की सरकारों ने वनटांगिया परिवारों की उपेक्षा की, जिससे ये परिवार पिछड़ते चले गए। उन्होंने कहा कि इन्हें बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थी। सड़क बनाने पर वन विभाग के लोगों द्वारा मुकदमा दर्ज करा दिया जाता था।
योगी ने कहा कि विद्यालय खोलने पर भी लोग उत्पीड़न का शिकार होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब इन गांवों में भी सामान्य गांवों की तरह सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि आज राजस्व गांव का दर्जा मिलने के साथ ही गोरखपुर और महराजगंज जिले के 22 वनटांगिया गांव विकास के पथ पर अग्रसर हैं। यहां विद्यालय खुलेंगे, आंगनबाड़ी केंद्रों का विकास होगा। विद्युतीकरण के साथ सभी को पक्का मकान भी मिलेगा।
उन्होंने कहा, “योजनाओं का संचालन पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है। गरीबों के हक पर डाका डालने वाले जेल भेजे जाएंगे। हम सबको मिलकर गंदगी और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की प्रधानमंत्री मोदी की कल्पना को साकार करना है।”