नई दिल्ली| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सितंबर के आखिर में निर्धारित वार्षिक आम सभा की बैठक के लिए रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज से तीन महीने की मोहलत मांग सकता है। बीसीसीआई का यह कदम स्पष्ट तौर पर अध्यक्ष पद से हटाए गए एन. श्रीनिवासन को लगातार तीसरी बार अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की सहूलियत प्रदान करने के लिए उठाया जा सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीनिवासन को अध्यक्ष पद पर बहाल किए जाने की याचिका खारिज किए जाने के बाद बीसीसीआई को चुनाव टालना पड़ रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई की मुसीबत बढ़ाते हुए मुकुल मुद्गल समिति को अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए दो महीने की और मोहलत दे दी।
बीसीसीआई के एक शीर्ष पदस्थ अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि बोर्ड के सामने रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज से मोहलत मांगने का एकमात्र रास्ता बचा है। बीसीसीआई तमिलनाडु में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्था है।
अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमें हर कदम बहुत ही एहतियात से उठाना होगा। हम रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज से चुनाव कराने के लिए तीन महीने की मोहलत मांगने पर विचार कर रहे हैं। बीसीसीआई इस मामले पर कानून के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर रहा है और न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा।”
चक्रीय प्रणाली के अनुसार, इस बार बीसीसीआई का अध्यक्ष देश के पूर्व क्षेत्र से चुनने की बारी है। इसलिए श्रीनिवासन बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) की ओर से नामांकन करने की सोच रहे हैं। लगातार तीसरी बार बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने के इच्छुक श्रीनिवासन को सर्वोच्च न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में हुए खेल भ्रष्टाचारों की जांच होने तक अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
चुनाव के लिए मोहलत मांगने की जरूरत पर अधिकारी ने बताया कि वार्षिक आम सभा की बैठक के लिए वार्षिक रिपोर्ट पेश करने के लिए अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर लेने पड़ते हैं।