वर्तमान पेराई सत्र में उप्र में चीनी मिलों ने 161.33 लाख टन गन्ने की पेराई कर अब तक 15.98 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया है। साथ ही 2500.98 करोड़ रुपये रिकार्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी ने मंगलवार को बताया कि वर्तमान पेराई सत्र 2017-18 में उप्र राज्य की शुगर रिकवरी गन्ना उत्पादक राज्यों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात से भी अधिक है।
उन्होंने कहा कि ताजा आकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश में 15.98 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इसके सापेक्ष महाराष्ट्र में 16.81, कर्नाटक में 4.16 और गुजरात में 2.00 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। प्रदेश की औसत शुगर रिकवरी 9.90 प्रतिशत है, जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में यह क्रमश: 9.38 एवं 8.61 प्रतिशत है।
प्रमुख सचिव ने बताया, “वर्तमान सत्र 2017-18 में अब तक संचालित 112 चीनी मिलों द्वारा 161.33 लाख टन गन्ने की पेराई कर 15.98 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया जा चुका है और औसत चीनी रिकवरी 9.90 प्रतिशत है, जबकि गत वर्ष में इस तिथि तक 107 चीनी मिलों द्वारा 102.47 लाख टन गन्ने की पेराई करके 10.05 लाख टन चीनी बनाई गई थी तथा चीनी रिकवरी 9.81 प्रतिशत थी।”
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके फलस्वरूप पेराई सत्र 2017-18 में देय गन्ना मूल्य 2500.98 करोड़ रुपये का भुगतान अब तक सुनिश्चित कराया जा चुका है, जबकि पिछले साल इस तिथि तक मात्र 928.75 करोड़ रुपये का ही गन्ना मूल्य का भुगतान हो सका था।