नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्माताओं ने कहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से हरी झंडी मिलने के बाद ही वे किसी को यह फिल्म दिखाएंगे।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्माताओं ने कहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से हरी झंडी मिलने के बाद ही वे किसी को यह फिल्म दिखाएंगे।
वायाकॉम 18 मोशन पिक्च र्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अजीत अंधारे ने आईएएनएस से एक ईमेल साक्षात्कार में कहा, “उद्योग में स्थापित प्रक्रिया और परिपाटी के अनुसार हम सीबीएफसी को फिल्म दिखाने जा रहे हैं। एकबार सेंसर बोर्ड से प्रमाणपत्र मिलने के बाद कोई संदेह नहीं रह जाएगा कि यह फिल्म दिखाएं या न दिखाएं।”
वायाकॉम 18 मोशन पिक्च र्स ने भंसाली प्रोडक्शन के साथ ‘पद्मवती’ का निर्माण किया और यह भारत में फिल्म वितरित करेगा।
भाजपा सहित कुछ हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि इस फिल्म में इतिहास का गलत वर्णन है और राजपूत रानी पद्मवती का गलत ढंग से चित्रण किया गया है। जबकि भंसाली का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है, सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है, यह फिल्म देखकर राजपूत समुदाय भी वाह-वाह कहेगा और खुद पर गर्व करेगा।
सीबीएफसी में शामिल भाजपा के एक सदस्य ने भंसाली को ‘देशद्रोह’ के लिए दंडित करने का आग्रह किया है और कहा है कि इस फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा है कि बोर्ड भंसाली को अत्यंत सम्मान की दृष्टि से देखता है।
इतना ही नहीं, राजनीति से जुड़े कुछ लोग गुजरात चुनाव के मद्देनजर इस फिल्म की रिलीज की तारीख में देरी चाहते हैं और कई ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें लगता है कि फिल्म रिलीज होने से पहले इतिहासकारों को दिखाई जानी चाहिए।
राजस्थान सरकार फिल्म देखने के लिए एक समिति गठित करने की भी योजना बना रही है।
यह पूछने पर कि फिल्म कब तब सेंसर बोर्ड से पास होने की संभावना है? उन्होंने कहा, “हम सीबीएफसी द्वारा जल्द पास किए जाने के लिए उत्साहित हैं, ताकि तय योजना के अनुसार 1 दिसंबर को रिलीज हो सके।”
फिल्म के लिए राजनीतिक बवाल पर उनके रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हमने पहले ही स्पष्ट किया है कि कथित रूप से चित्रण संबंधी सभी चिंताए निराधार हैं। संजय ने व्यक्तिगत रूप से एक वीडियो जारी कर आश्वस्त किया था कि फिल्म में महारानी और राजपूत वीरों की गरिमा और परंपराओं का बखान है। इसमें आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है।”
अफवाह है किनिर्माताओं ने रानी पद्मावती और आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी के बीच रोमांटिक सीक्वेंस दिखाया है। वहीं भंसाली ने इस बात का खंडन किया।
अजीत अंधारे ने बताया, “सभी वितरक हमारे साथ हैं। फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जो किसी की भी चिंता का कारण बनें। यह एक फिल्म है, जब यह रिलीज होगी तो राजस्थान को इस पर गर्व होगा।”
यह पूछे जाने पर कि सेंसर प्रमाणन हासिल करने के बाद फिल्म के विस्तृत रिलीज का लक्ष्य बना रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, “हमें सीबीएफसी और इसके अध्यक्ष (प्रसून जोशी) पर पूरा भरोसा है और आशा है कि हम समय पर फिल्म जारी कर सकेंगे और इसका समर्थन किया जाएगा और लोगों को व्यापक रूप से यह पसंद आएगी, जिससे व्यवसाय मजबूत होगा। हमने फिल्म को अत्यंत ईमानदारी और अखंडता के साथ बनाया है।”
‘पद्मावती’ में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह जैसे सितारे प्रमुख भूमिकाओं में हैं। अब देखना यह है देश के बदले हुए माहौल में कला जीतती है या राजनीति।