चेन्नई, 21 सितंबर (आईएएनएस)। पुदुच्चेरी में सीबीआई ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सीट मामले में प्रमाणित विद्यार्थियों को धोखा देने के आरोप में एक आईएएस अधिकारी और पांच अन्य अधिकारियों और सात मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएएस अधिकारी नरेंद्र कुमार, केंद्रीय प्रवेश समिति के अध्यक्ष (सीईएनटीएसी) के.वी. रमन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के निदेशक, बी.आर. बाबू, स्वास्थ्य सचिव वी. गोविंदराज, सीईएनटीएसी के संयोजक के. पजानिराजा, सीइएनटीएसी के संयुक्त संयोजक और सीईएनटीएसी समन्वयक एम. जोनाथन डैनियल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, पुदुच्चेरी के मेडिकल कॉलेजों में मेडिसिन में पोस्टग्रेजुएशन और डिप्लोमा में 318 सीटें हैं, जिनमें 162 सीटें सरकारी कोटा की और बाकी सीटें प्रबंधन कोटा की हैं।
267 उम्मीदवारों ने 162 सरकारी कोटा की सीटों के लिए और 1,827 उम्मीदवारों ने 156 प्रबंधन कोटा के लिए आवेदन किया था। राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में सीईएनटीएसी ने 2017-18 के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया का आयोजन किया था।
अधिकारियों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने उन छात्रों को दाखिले से वंचित रखने की साजिश रची, जिन्हें सीईएनटीएसी द्वारा अस्थायी प्रवेश प्रमाणपत्र जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि विद्यार्थियों ने बड़ी फीस अदा की थी।
कुल विद्यार्थियों में 96 विद्यार्थियों को सीईएनटीएसी द्वारा अस्थायी प्रवेश प्रमाणपत्र दिया गया, लेकिन डीम्ड विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेजों ने उन्हें दाखिला नहीं दिया।
एफआईआर के अनुसार, इसी तरह 93 छात्रों को सीईएनटीएसी द्वारा चयनित या प्रायोजित नहीं किया गया और न कोई प्रवेश प्रमाणपत्र जारी किया गया। मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और स्वयं वित्तपोषण महाविद्यालयों द्वारा उनसे भारी शुल्क लिया गया।
सीबीआई का धन्यवाद करते हुए पुदुच्चेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने ट्वीट कर कहा, “18 सितंबर को 13 अधिकारियों और सात मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुदुच्चेरी को इस नेक्सस के जाल से बचाने के लिए सीबीआई का धन्यवाद।”
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पुदुच्चेरी में मेडिकल कॉलेजों में सीटों के भ्रष्टाचार के ऐतिहासिक नेक्सस को ध्वस्त कर दिया है।