नवीन रबेल्ली धरती की पर्यावरणीय समस्या के समाधान के लिए बहुत सक्रिय हैं| उन्होंने पहले अपनी सवारी यानी आम ऑटोरिक्शा के सामान्य इंजिन को इलेक्ट्रिक इंजिन में बदला और फिर उसके हुड पर सौर बैटरियों का एक पैनल लगाया| उन्होंने अपने यातायात साधन को तेजस नाम दिया है| यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने यातायात साधन के लिए ऑटोरिक्शा ही क्यों चुना के जवाब में उन्होंने उसे भारत का प्रतीक बताया|
सबसे दिलचस्प सवाल यह है कि नवीन रबेल्ली को अपने रिक्शा में बैंगलोर से लन्दन तक की दूरी तय करने में कितना वक़्त लगेगा| बात दरअसल यह है कि एक बार चार्ज करने पर रिक्शे की कार्य क्षमता 80 किमी होती है और फिर उसे दोबारा चार्ज करना पड़ता है| इस कारण से उनकी यात्रा लम्बी खिंच सकती है| नवीन को उम्मीद है कि जहां संभव होगा वह अपने रिक्शा को आम साकेट से चार्ज करेंगे और यात्रा के दौरान उन्हें सौर ऊर्जा से मदद मिलेगी|