मुंबई, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। मुंबई और महाराष्ट्र की मीडिया ने बुधवार को बेंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कर्नाटक सरकार से मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
मुंबई प्रेस क्लब (एमपीसी), मुंबई मराठी पत्रकार संघ (एमएमपीएस), मंत्रालय अनी विद्यामंडल वार्ताहार संघ (एमवीवीएस), टीवी पत्रकार एसोसिएशन (टीवीजेए) एवं अन्य संस्थाओं ने अलग-अलग बयानों में मंगलवार शाम को पत्रकार गौरी की उनके घर पर अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई हत्या के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
एमपीसी ने कर्नाटक सरकार से 55 वर्षीय लंकेश की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
एमपीसी ने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को अधिकतम सजा दी जाए, चाहे वे किसी के मातहत हों या मास्टरमाइंड।
एमपीसी ने कहा, “देश की शक्तियां, देश के चौथे स्तंभ के साथ ऐसा बर्ताव करती हैं और अगर सरकार इसके खिलाफ कुछ नहीं करती, तो यकीनन यह भारतीय लोकतंत्र का बुरा समय है।”
एमवीवीएस ने कहा, “यह सिर्फ एक पत्रकार की हत्या नहीं है, यह विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या है। विचारपरक मुद्दों पर वैचारिक रूप से लड़ाई होनी चाहिए और सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।”
सभी मीडिया संगठन, वाम दलों एवं नागरिक समाज समूहों ने बांद्रा, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण, वसई, पलघर, पुणे और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध करने की योजना बनाई है।
एमपीसी ने अपने आजाद मैदान स्थित मुख्यालय में कैंडल मार्च का आयोजन किया जिसमें फोटोग्राफर्स एसोसिएशन, नेटवर्क ऑफ मीडिया इन मीडिया एवं अन्य संगठनों ने भाग लिया।
गौरी लंकेश कन्नड़ पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं। वह अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाती थीं। उनके पिता भी एक कन्नड़ लेखक थे और अपने पिता की तरह उन्हें भी पत्रकारिता की अपनी बेबाक स्वतंत्र शैली के कारण विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा।
उनके परिवार में उनकी माता, बहन कविता और भाई इंद्रजीत हैं जोकि उनका साप्ताहिक अखबार संभालते हैं।
एमपीसी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं और मामले की तेजी से जांच का आग्रह करते हैं।