अनिलसिंह(भोपाल)- मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के पूर्व विवादित कुलपति को मप्र सरकार ने सभी आरोपों से बरी करते हुए पुनः 4 वर्षों के लिये कुलपति पद पर नियुक्ति प्रदान कर दी है.
जबकि 7 तारीख को उच्च न्यायालय ने कुठियाला की अवैध नियुक्ति के सम्बंध में जवाब शासन से मांगा है.उच्च न्यायालय को सबसे बड़ा मानने वाले मुख्यमंत्री जी ने उच्च न्यायालय की परवाह ना करते हुए यह कदम उठाया है.
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की माखनलाल विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्तियों में बदनाम कुलपति को पुनः नियुक्त कर एक गलत संदेश समाज को दिया है.छात्रों ने बताया की इस नियुक्ति से आने वाले समय में और खराब समय विश्वविद्यालय का आना तय है.
सूत्रों ने यह भी बताया की संघ पदाधिकारियों को खुश करने के लिये यह नियुक्ति की गयी है.एक युवा ने कहा की इस नियुक्ति से गलत संदेश युवाओं में गया है क्या युवा और राष्ट्र का भविष्य ऐसे लोग ही तय करेंगे हमारे मुख्यमंत्रीजी से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी.