ये चित्र ब्रह्मपुत्र में मिलनेवाली एक नदी के तट पर स्थित तवांग इलाके में पाये गये। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे बौद्ध धर्म की परंपराओं के बारे में नयी जानकारी मिल सकती है। एक चित्र तवांग नगर से 94 किमी उत्तर में स्थित एक गिरी हुई चट्टान पर बनाया गया है। उसका पता देश के प्रमुख पुरातत्वज्ञ एस.एस. गुप्ता के नेतृत्व में एक दल द्वारा लगाया गया। चित्र के नीचे स्थानीय भाषा में एक शिलालेख भी है जो भगवान बुद्ध की प्रशंसा करता है। इस चित्र की ऊंचाई 195 और लंबाई 205 सेंटीमीटर है। वह पद्मासन में बेठे भगवान बुद्ध को दर्शाता है। दूसरा चित्र तवांग के ताक त्सांग में मिला। उसका आकार कुछ कम है (50 सेंटीमीटर ऊंचा और 30 सेंटीमीटर लंबा) उसके नीचे भी भगवान बुद्ध की प्रशंसा करनेवाला एक शीलालेख है।
एस.एस. गुप्ता ने हिन्दुस्तान टाइम्स के लिये अंतरावार्ता में कहा कि यह एक अद्वितीय घटना है। उनके मतानुसार इन दो चित्रों में पड़ोसी म्यांमार और तिब्बत का प्रभाव दिखता है।