भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गोंदिया (महाराष्ट्र) से उनकी पत्नी के किसी भी रिश्तेदार को मध्यप्रदेश में परिवहन आरक्षक चयनित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गोंदिया तो गोंदिया सम्पूर्ण महाराष्ट्र से कोई व्यक्ति इस पद पर चयनित नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने आज अपने ट्वीट में कहा कि आरोप लगाने वाले कह रहे हैं कि गोंदिया से 17 व्यक्ति को परिवहन आरक्षक परीक्षा में चयनित किया गया। ऐसे लोगों को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया में इस तरह का बदनामी करने वाला दुष्प्रेरित और आधारहीन आरोप लगाने वाले कभी तथ्यों को जानने की कोशिश नहीं करते। दुष्प्रचार करने वालों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री निवास से 139 फोन किये गये। उन्होंने कॉल डिटेल्स रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें एक भी कॉल नंबर मुख्यमंत्री निवास का नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार झूठ के पाँव नहीं होते, उसी तरह कॉल डिटेल्स रिपोर्ट का भी आधार नहीं है। इसकी पुष्टि किये जाने की आवश्यकता होती है। आरोप लगाने वाले कॉल डिटेल्स रिपोर्ट तक नहीं देखते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन आरोप लगाने वालों को ऐसे ही नहीं छोड़ देंगे। यह मानहानि का स्पष्ट मामला है। आरोप लगाने वालों को जल्दी ही नोटिस मिल जायेगा। मीडिया के मानदण्ड के बारे में मुझे जो थोड़ा बहुत पता है उसके अनुसार उस व्यक्ति का पक्ष भी लिये जाने की आवश्यकता होती है, जिसके विरूद्ध आरोप लगाये जा रहे हैं। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।
श्री चौहान ने कहा कि मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि हारने पर तकलीफ होती है, खासकर दो-दो बार हारने पर। बहुत थोड़े लोग हैं जो अपनी हार को गरिमा के साथ स्वीकार करते हैं। लेकिन क्या इन लोगों को इतना नीचे गिर जाना चाहिए?
मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित परिवहन आरक्षकों की पूरी सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध थी। उन्होंने इस पर भी एक नजर डालने की जहमत नहीं उठाई। श्री चौहान ने कहा कि वे मूल्यांकन की किसी भी ऐसी व्यवस्था को समाप्त करने के लिये दृढ़-प्रतिज्ञ हैं जिसमें धोखाधड़ी की जरा भी संभावना हो। युवाओं के पास अपनी प्रतिभा के सिवा प्रमाणित करने के लिए कुछ नहीं होता। श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को वे किसी भी तरह हताश नहीं होने देंगे।