नई दिल्ली: हिंदी में कामकाज का विवाद बढ़ता जा रहा है. गृह मंत्रालय ने हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर हिंदी का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने इसका विरोध किया है और पीएम को चिट्ठी लिखी है.
जयललिता के बाद अब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने भी एतराज़ जताया है. उमर अब्दुल्ला भी फैसले से खुश नहीं हैं और उनका कहना है कि देश भर में एक भाषा थोपी नहीं जा सकती.
इससे पहले कल डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने भी एतराज जताया था.
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में जयललिता ने मांग की है कि सोशल मीडिया में इंग्लिश का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए. साथ ही जयललिता ने तमिल को भारती की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने की मांग की है.
बीजेपी का कहना है कि ये हिंदी का सम्मान है अंग्रेजी का अपमान नहीं.
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में जयललिता ने मांग की है कि सोशल मीडिया में इंग्लिश का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए. साथ ही जयललिता ने तमिल को भारती की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने की मांग की है.
बीजेपी का कहना है कि ये हिंदी का सम्मान है अंग्रेजी का अपमान नहीं.