भोपाल (ब्यूरो)। नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी ‘एनसीए” द्वारा गुजरात सरकार को सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति दिए जाने के बाद मप्र को ज्यादा बिजली मिलने की संभावना बढ़ गई है।
बांध के पूरा भरने के बाद हाइड्रल पॉवर प्लांट से कुल उत्पादित होने वाली 1450 मेगावाट बिजली में से मप्र को 56 प्रतिशत यानी 826 मेगावाट बिजली मिलेगी। वर्तमान में बांध में पानी कम होने से मात्र 25 से 30 प्रतिशत बिजली ही मिल पा रही है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1980 में नर्मदा जल विवाद अधिकरण ने निर्णय किया था कि इस बांध से उत्पादित कुल बिजली में से मप्र को 56, महाराष्ट्र को 28 और गुजरात को 16 प्रतिशत बिजली मिलेगी।
नहीं मिलेगा सिंचाई का लाभ
नर्मदा जल विवाद अधिकरण ने चार राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के बीच नर्मदा जल विवाद का निराकरण करते हुए सरदार सरोवर बांध से उत्पादित बिजली में से मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र का हिस्सा तय किया था। वहीं इस बांध के पानी से सिंचाई के लिए गुजरात और राजस्थान को अनुमति दी गई थी। इसमें मप्र को कोई लाभ नहीं दिया गया था।