बिजली न मिलने से बौखलाए लोगों ने दिल्ली में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया है. भारतीय राजधानी के कई हिस्सों में हर रोज घंटों बिजली नहीं आ रही है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार आधी रात ही लोग घरों से निकल गए और प्रदर्शन करने लगे. गुस्से और निराशा में लोगों ने वहां से गुजर रही गाड़ियों पर भी पथराव किया. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त वीवी चौधरी ने कहा, “इस मामले में हमने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक बस और जिप्सी को नुकसान पहुंचाया है. ये लोग भजनपुरा इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.”
भारत के उत्तरी हिस्से में अचानक तापमान बढ़ा है, जिसके बाद बिजली की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है और इतनी सप्लाई नहीं हो पा रही है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बिजली की किल्लत को लेकर उपद्रव हो चुका है.
लैंप से गुजारा
सरकार ने फैसला किया है कि दिल्ली में इमरजेंसी बिजली कटौती की जाएगी. इसके तहत शॉपिंग मॉलों में भी रात 10 बजे के बाद से बिजली सप्लाई नहीं करने का फैसला किया गया है. इसके अलावा स्ट्रीट लाइटों को बंद करने और तय वक्त के अलावा दफ्तरों के एयर कंडीशन बंद करने का भी निर्णय किया गया है. पिछले दिनों तूफान की वजह से दिल्ली की बिजली सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई.
इसे लेकर राजनीति भी हो रही है. भारत के नए बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली की पूर्व कांग्रेस सरकार को इसका जिम्मेदार बताया है. अधिकारियों का कहना है कि समस्या का फौरन निदान नहीं हो सकता है.
गर्मी से परेशान
नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में बिजली की आपूर्ति बेहतर करने का भी वादा किया था और साथ ही अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही थी. भारत में हमेशा से बिजली संकट रहा है और कभी भी जरूरत जितनी बिजली नहीं मिल पाई है. दो साल पहले जबरदस्त बिजली संकट के दौरान करीब 60 करोड़ लोगों को कई घंटे बिजली के बगैर रहना पड़ा था.
पारा इस बीच 45 डिग्री पार कर रहा है और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर बिजली नहीं आई, तो इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं. सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डेवलपमेंट के सुनील कुमार अलेदिया कहते हैं, “इस तेज गर्मी में बेघर लोगों की मृत्यु की दर बढ़ रही है.”