13 साल की भारतीय बच्ची, मलवथ पूर्णा ने एवरेस्ट की चोटी को छू लिया है. पूरी दुनिया में पूर्णा अकेली लड़की है जिन्होंने इतनी कम उम्र में 8,848 मीटर ऊंचे पर्वत को चढ़ने में सफलता पाई है.
मलवथ पूर्णा तेलंगाना के दलित परिवार से हैं और एवरेस्ट पर फतह हासिल करने से पहले उन्होंने कभी किसी पर्वत की चोटी नहीं छुयी थी. 10 नेपाली गाइडों के साथ मिलकर पूर्णा और उसकी 16 साल की दोस्त ने चीन में तिब्बत की तरफ से एवरेस्ट पर चढ़ाई की. भारत पहुंचने से पहले काठमांडू में पूर्णा ने बताया, “मैंने पिछले सितंबर एवरेस्ट के लिए ट्रेनिंग शुरू की. मेरे माता पिता और मेरे कोच ने बहुत मदद की.” चढ़ाई के दौरान पूर्णा को पूरा वक्त पैकेट वाला खाना और सूप पीना पड़ा. अब पूर्णा कहती हैं, “मैं तो सीधे घर जाऊंगी और मां का बनाया हुआ चिकन फ्राय और चावल खाऊंगी.”
कड़ी परीक्षा
पूर्णा की इस उपल्ब्धि को हिमालयन डाटाबेस नाम के संगठन ने मान्यता दी है, जो पूरे इलाके में पर्वतारोहण के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी रखता है. काठमांडू में हिमालयन डाटाबेस की मदद कर रहे जीवन श्रेष्ठ ने बताया, “पूर्णा एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की महिला है और यह कम ही लोग हासिल करते हैं.” हालांकि चीन और नेपाल के अधिकारियों ने पूर्णा पर कोई बयान जारी नहीं किया है.
पूर्णा के पिता महीने में करीब 35,000 रुपये कमाते हैं लेकिन इस यात्रा की तैयारी के लिए पूर्णा को भारत सरकार से सहायता मिली. करीब सात महीनों के लिए पूर्णा ने पथरीले पहाड़ों पर ट्रेनिंग की और फिर लद्दाख में बर्फ पर चढ़ने का अभ्यास किया. ट्रेनिंग के दौरान ऊंचाई और जबरदस्त ठंड का सामना करने के खास तरीके भी सिखाए गए. पूरी यात्रा में पूर्णा को 52 दिन लगे. चढ़ाई के दौरान हुए अनुभवों के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने, “उस सुबह मैंने चोटी पर जाते हुए छह लोगों के शव देखे. मेरे कोच ने मुझसे कहा था कि कई पर्वतारोहियों की मौत हो जाती है और उनके शव पहाड़ पर ही रह जाते हैं. लेकिन फिर भी मैं देखकर हैरान हुई.”
पूर्णा के सपने
एवरेस्ट पर चढ़ने की इच्छा रखने वाले ज्यादातर पर्वतारोही नेपाल की तरफ से पर्वत पर जाते हैं. इस रास्ते को सबसे आसान माना जाता है और इसलिए यह लोगों को पसंद भी है. लेकिन काठमांडू में अधिकारी 16 साल से कम उम्र के लोगों को इसकी अनुमति नहीं देते. इस साल नेपाल में हिमस्खलन होने की वजह से 16 शेरपा की मौत हुई और एवरेस्ट पर चढ़ने की सारी योजनाएं बंद हो गईं.
पूर्णा से पहले 2010 में 13 साल के अमेरिकी जॉर्डन रोमेरो एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष पर्वतारोही बने. उन्होंने भी तिब्बत से एवरेस्ट पर चढ़ाई की, हालांकि कई लोगों ने उनकी कम उम्र को लेकर सवाल किए. लेकिन 13 साल की पूर्णा कहती हैं, “मैं खुश हूं कि मुझे चढ़ने का मौका मिला. अगर मैं फिट हूं तो कोई मुझे चढ़ने से क्यों रोकेगा. मैं साबित करना चाहती हूं कि मेरे समुदाय के लोग, आदिवासी कुछ भी कर सकते हैं.” फिलहाल पूर्णा और चोटियों चढ़ना चाहती हैं. फिर पढ़ाई खत्म करके वह पुलिस अफसर बनना चाहती हैं.