मध्यप्रदेश की लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति मिले
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती को पत्र लिखकर आग्रह
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती को नर्मदा-मालवा लिंक परियोजना और बरगी व्यपवर्तन परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने सिंचाई से संबंधित लम्बित परियोजनाओं को भी केन्द्र सरकार से शीघ्र मंजूरी दिलाने का अनुरोध भी किया है।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना 400 करोड़ की लागत से पूर्ण की है। इससे न सिर्फ सिहंस्थ 2016 के लिये जल की व्यवस्था होगी बल्कि उज्जैन, देवास, पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्रों तथा 300 ग्राम में पेयजल मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नर्मदा-मालवा लिंक परियोजना बनाकर मालवा क्षेत्र की 6 लाख 50 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई और 3000 गाँव में पेयजल की पुख्ता व्यवस्था करना चाहती है। परियोजना में नर्मदा नदी का मध्यप्रदेश के हिस्से का पानी उद्वहन कर विंध्याचल पर्वत श्रंखला के पार यमुना-गंगा कछार की मालवा अंचल में स्थित गम्भीर, पार्वती, कालीसिंध और क्षिप्रा नदी में लाकर इन नदियों को प्रवहमान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा-मालवा लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 26 हजार करोड़ है। इतनी बड़ी राशि राज्य शासन अपने स्त्रोतों से नहीं जुटा सकता। इसलिये इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाना आवश्यक है। यह भारत सरकार निर्धारित राष्ट्रीय परियोजना के सभी मापदंडों को पूरा करती है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में बरगी व्यपवर्तन परियोजना को भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित किये जाने का आग्रह किया। परियोजना की अनुमानित लागत 5127 करोड़ 22 लाख रुपये है। इसे भारत योजना आयोग से निवेश स्वीकृति प्राप्त है। परियोजना में नर्मदा कछार के अतिशेष जल को गंगा कछार में पहुँचाकर जबलपुर, कटनी, सतना और रीवा जिले की 2 लाख 45 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा देने के लिये नहरों का निर्माण प्रगति पर है।
श्री चौहान ने कहा कि परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिये प्रस्ताव को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की हाई पॉवर स्टीयरिंग कमेटी द्वारा फरवरी 2000 में अनुशंसित किया जा चुका है। विगत 4 वर्ष से अधिक समय से यह प्रस्ताव जल संसाधन मंत्रालय द्वारा भारत सरकार की वित्तीय व्यय समिति को प्रस्तुत किये जाने के लिये लम्बित है।
मुख्यमंत्री ने सुश्री उमा भारती से बरगी व्यपवर्तन परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में स्वीकृत करवाने का अनुरोध किया है।
अन्य लम्बित परियोजनाओं की स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने सुश्री उमा भारती का ध्यान ए.आई.बी.पी. कार्यक्रम में स्वीकृति के लिये लम्बित इंदिरा सागर नहर फेज-5, ओंकारेश्वर नहर फेज-4, इंदिरा सागर नहर फेज-1 एवं 2, लोअर गोई परियोजना तथा कमांड क्षेत्र विकास की 13 परियोजना की ओर आकर्षित करते हुए उन्हें शीघ्र स्वीकृति दिलवाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली में लम्बित बीना, बानसुजारा, मोहनपुरा, पेंच व्यपवर्तन, तवा, बारना तथा संजय सरोवर (अपर वैनगंगा) जैसी वृहद परियोजनाओं तथा सीप कोलार, सोनपुर, पवई, मझगाँव, घोघरा, सेमरी, पंचमनगर और कछार जैसी मध्यम परियोजनाओं की ओर भी सुश्री भारती का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें शीघ्र स्वीकृति दिलवाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली के अधिकारियों को आयोग के भोपाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में केम्प लगाकर परियोजनाओं का तत्परता से परीक्षण करने के लिये निर्देशित किया जाये