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 पत्रकारिता की सार्थकता समाज का उचित मार्गदर्शन करने में | dharmpath.com

Wednesday , 27 November 2024

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पत्रकारिता की सार्थकता समाज का उचित मार्गदर्शन करने में

                                            माधवराव सप्रे संग्रहालय के 30 वें वार्षिक समारोह में राज्यपाल

10247407_10202887433042361_7868546445669050066_nराज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने आज माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान के 30 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में कहा कि भारतीय पत्रकारिता का अतीत बहुत गौरवशाली रहा है। आजादी की लड़ाई में तमाम नायक पत्रकारिता से जुड़े थे। पत्रकारिता की सार्थकता इसी में है कि वह समाज का उचित मार्गदर्शन करे। मीडिया में सभी पक्ष आने चाहिए किंतु इसमें किसी खास विचारधारा का आधिपत्य नहीं होना चाहिए। राज्यपाल श्री यादव ने इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 15 पत्रकारों और पत्रकारिता से जुड़े समाज सेवियों का सम्मान किया। अध्यक्षता साहित्य मनीषी प्रो. रमेशचन्द्र शाह ने की। राज्यपाल श्री यादव ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

राज्यपाल श्री यादव ने युवा पत्रकारों से कहा कि युवा शक्ति ने ही देश में हर परिवर्तन का सूत्रपात किया है। युवा पत्रकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश के लिए बलिदान करने वाले पत्रकारों से प्रेरणा लेकर देश को एक नई सोच और दिशा देने का प्रयास करें। श्री यादव ने कहा कि समाचार-पत्र और पत्रिकाओं की इबारत में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम, समाज सुधार, स्वदेशी और आर्थिक आंदोलन इत्यादि की समूची गाथा सुरक्षित है। श्री यादव ने कहा कि महात्मा गाँधी, शहीद भगत सिंह, पंडित जवाहरलाल नेहरू, बाल गंगाधर तिलक, पंडित मदनमोहन मालवीय, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने पत्रकारिता की शक्ति को पहचान कर ही उसे समाज सुधार और देश सेवा का माध्यम बनाया।

प्रो.शाह ने कहा कि प्राचीन समय से आधुनिक युग तक पत्रकारिता में बहुत बदलाव हुए हैं। हम अपने मूल्यों से न भटकें और पत्रकारिता में अपनी परम्परा और संस्कारों को न भूलें। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में समाचार-पत्र और पत्रिकाओं का अदभुत संग्रह है। सप्रे संग्रहालय के संस्थापक संयोजक श्री विजयदत्त श्रीधर ने संग्रहालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जनसम्पर्क विभाग के अपर सचिव श्री लाजपत आहूजा ने कहा कि पत्रकारिता की इस रचनात्मक यात्रा का कोई अंत नहीं है। हमें मानवीयता और पत्रकारों से अच्छे व्यवहार करने की यह विरासत अपने वरिष्ठजन से प्राप्त हुई है।

राज्यपाल श्री यादव ने संतोष कुमार शुक्ल स्मृति लोक संप्रेषण पुरस्कार से अपर सचिव जनसम्पर्क श्री लाजपत आहूजा, राजेन्द्र नूतन पुरस्कार से श्री भगवान उपाध्याय, युगल किशोर शुक्ल पुरस्कार प्रो. कमल दीक्षित और श्री अरविंद शीले, माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार से श्री अरूण चौहान, जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी पुरस्कार से श्री राजेश चतुर्वेदी और श्री चन्द्रवेश पांडे, झाबरमल्ल शर्मा पुरस्कार से श्री ओम प्रकाश गौड़, रामेश्वर गुरू पुरस्कार से डॉ. विद्युल्लता और सुश्री खुशबू जोशी, के.पी. नारायणन पुरस्कार से श्री अनूप दत्त, यशवंत अरगरे पुरस्कार से श्री राजेश गाबा, आरोग्य सुधा पुरस्कार से श्री अनिल सिरवैया, होमई व्यारावाला पुरस्कार से श्री नवल जायसवाल और श्री मुजीब फारूकी को सम्मानित किया। समारोह में संस्थान के अध्यक्ष श्री शिवकुमार अवस्थी, उपाध्यक्ष डॉ. राकेश पाठक, निदेशक डॉ. मंगला अनुजा तथा बड़ी संख्या में पत्रकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

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