नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्य के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया धनराशि आवंटित करने की मांग की।
लंबे समय से अपने राज्य के लिए ऋण माफी की मांग कर रहीं बनर्जी ने प्रधानमंत्री से लगभग आधा घंटे की मुलाकात के दौरान पश्चिम बंगाल की ऋ ण स्थिति पर चर्चा की, हालांकि उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ तीस्ता नदी के पानी को साझा करने से संबंधित समझौते पर कोई बातचीत नहीं हुई।
मोदी के साथ बैठक के बाद ममता ने कहा, “इससे पहले भी मैं राज्य के ऋण मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष कई बार उठा चुकी हूं। आज एक बार फिर हमने हमने राज्य की ऋण स्थिति पर चर्चा की और विभिन्न परियोजनाओं व योजनाओं के तहत धन आवंटन के बारे में चर्चा की।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “लगभग 10,459 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। मैंने प्रधानमंत्री को इसके बारे में और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के संबंध में जानकारी दी। मैंने उनसे धन आवंटन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा है कि वह धन आवंटित करने का प्रयास करेंगे।”
भारत दौरे पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से शनिवार को मुलाकात के दौरान ममता ने तीस्ता नदी के पानी को साझा करने पर अपने विरोध को दोहराया और कहा कि समझौते के बारे में प्रधानमंत्री से चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा, “तीस्ता को लेकर उनसे बातचीत नहीं हुई।”
हसीना के साथ बैठक के दौरान तीस्ता नदी के पानी को साझा करने के समझौते पर अपना विरोध बरकरार रखने की पुष्टि करते हुए ममता ने बांग्लादेश को तीस्ता की जगह अन्य नदियों के माध्यम से बिजली व पानी देने की पेशकश की।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2011 को ममता बनर्जी के विरोध के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जल बंटवारा समझौते के लिए बांग्लादेश गए अपने प्रतिनिधिमंडल को वापस बुलाकर शर्मिदगी का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण भारत को इसे अपने एजेंडे से हटाना पड़ा था।
इस बीच, शेख हसीना ने समझौते पर ममता के विरोध पर चिंता जताई।
हसीना ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “मुझे नहीं पता कि दीदी (ममता) क्या करेंगी। मुझसे बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे उलझन में डाल दिया, लेकिन मोदी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे को देखेंगे।”
उन्होंने तीस्ता की जगह अन्य नदियों के पानी के बंटवारे की ममता की पेशकश की ओर इशारा करते हुए मजाकिया लहजे में कहा, “मैंने पानी के लिए कहा था, लेकिन वह हमें बिजली दे रही हैं। कम से कम हमें कुछ तो मिली।”
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ छेड़छाड़ पर चिंता जताई और आगामी चुनावों में बैलेट पेपर के इस्तेमाल की वकालत की।
हालिया चुनावों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की खबरों तथा आगामी चुनावों में बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग करने के लिए 13 विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल के निर्वाचन आयोग से मुलाकात के दिन ममता ने कहा, “ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। लेकिन ओल्ड इज गोल्ड। बैलेट पेपर के साथ यह संभव नहीं है। इसलिए मेरा मानना है कि हमें बैलेट पेपर के इस्तेमाल की तरफ बढ़ना चाहिए।”
फरवरी-मार्च में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), आम आदमी पार्टी (आप), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तथा वाम दलों सहित 13 विपक्षी पार्टियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और ईवीएम से कथित तौर पर छेड़छाड़ पर चिंता जताई और बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में अरविंद केजरीवाल, मायावती, अजय माकन, गुलाम नबी आजाद जैसे नेता मौजूद थे।