तिरुवनंतपुरम, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। एक अखबार में प्रकाशित विज्ञापन जिसमें जिश्नू प्रणय के कथित आत्महत्या के बाद की घटनाओं और कार्रवाई का प्रकाशन किया गया है। उसकी इंजीनियरिंग छात्र की मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने निंदा की है।
इस विज्ञापन का शीर्षक ‘जिश्नू मामला- इसके पीछे की सच्चाइयां’ दिया गाय है। इसके केरल सरकार ने शनिवार को जारी किया जिसमें सरकार द्वारा इस मामले पर उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई।
प्रणय त्रिशूर के नेहरू कॉलज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च के परिसर में जनवरी में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था।
शुरुआत में प्रणय की मौत को आत्महत्या का मामला कहकर खारिज कर दिया गया। लेकिन बाद में उसकी मां माहिजा के विरोध के बाद पुलिस ने इस मामले को दुबारा खोला, क्योंकि वे अपने भरोसे पर दृढ़ थी कि उनके बेटे की कॉलेज के अधिकारियों ने ‘हत्या’ की है।
मीडिया से बात करते हुए प्रणय की मां ने कहा, “जिस दिन से मैंने अपना बेटा खोया है उस दिन से इस मामले में उतार-चढ़ाव जारी है। घटना के 90 दिनों के बाद हमने न्याय की मांग के लिए राज्य की राजधानी आने का फैसला किया और पुलिस प्रमुख के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।”
उन्होंने कहा, “हमें रोक दिया गया और पुलिस द्वारा बुरी तरीके से रौंदा गया। हमारा परिवार और मेरा बेटा मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के प्रशंसक थे। लेकिन अब उनका कहना है कि हमारे साथ कुछ नहीं हुआ है। इस विज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस ने हमारे साथ कुछ नहीं किया। लेकिन उन्होंने हमारे साथ मारपीट और धक्कामुक्की थी। मुख्यमंत्री ने कम से कम एक बार भी जिश्नू की मां को मिलने के लिए क्यों नहीं बुलाया।”
माहिजा और उनके भाई को चोटों के उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।