नई दिल्ली। सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को अभी तिहाड़ जेल में ही रहना होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने निवेशकों को लौटाने वाले धन की व्यवस्था करने के बारे में बातचीत के लिये उन्हें घर में नजरबंद करने का अनुरोध आज “gकरा दिया। न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड की खंडपी” ने कहा, “हमने कहा है कि आप न्यायिक हिरासत में हैं। आप हमारी हिरासत में हैं। हमने आपको सिविल कारावास में नहीं भेजा है। सिविल कारावास में भेजने का मतलब सजा देना होता।” न्यायालय ने सहारा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्” अधिवक्ता राम जे”मलानी का यह अनुरोध “gकरा दिया कि सुब्रत राय को तिहाड़ जेल में रखने की बजाय उन्हें `घर या कार्यालय में ही नजरबंद’ किया जा सकता है क्योंकि उनके जेल में रहते हुये धन की व्यवस्था करना मुश्किल है।
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