अनिल सिंह(भोपाल)-– मध्यप्रदेश माध्यम के अधिकारी-कर्मचारी औटॉनोमस संस्था का गलत मतलब समझ रहे हैं,वे औटॉनोमस का मतलब तालिबानी शासन से लगा रहे हैं और वही व्यवहार कर भी रहे हैं.अपने प्रशासनिक मुखिया की को चापलूसी के अस्त्र-शाश्त्र से खुश रखने की कोशिश करने वाले ये अधिकारी और कर्मचारी इसकी आड़ में लाखों का खेल खेलते हैं. ये अधिकारी इतने बड़े परिसर के होते हुए भी पार्किंग की समस्या से परेशान हैं.
कार्यालय में अंदर की पूरी पार्किंग अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा घेर ली जाती है उस परेशानी तब होती है जब कोई आगंतुक इस कार्यालय में आता है और आते ही सर्वप्रथम इस कार्यालय के बदतमीज कर्मचारियों से सामना इनका होता है,सामने की पार्किंग कुछ दबंग अधिकारियों के कब्जे में है यह भी वे मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की पार्किंग व्यवस्था के बहाने कब्जे में रखते हैं,ऐसा लगता है जैसे आप भारत के नागरिकहैं ही नहीं अपितु किसी हिटलर के साम्राज्य में पहुंच गये हैं,ये तालिबानी सोच के चापलूस अधिकारी अंदर क्या गुल खिलाते होंगे यह जांच का विषय है.
अपने प्रशासनिक मुखिया को खुश करने के लिये इस बाबत एक आदेश भी निकाला गया और चस्पा किया गया जो अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये थे लेकिन परेशान होते हैं यहाँ आने वाले आगंतुक और कोसते हुए यहाँ से प्रस्थान करते हैं.जो गाड़ियाँ वहां खड़ी पायी गयीं उनमें mp04cg3626 जो बी पी देवांगन(प्रबंधक वित्त)के नाम पंजीकृत है दूसरी mp04cc0985 यह गाड़ी विभाग की है और एक MP04HA1375 मारुति 800 गाड़ी जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया इस परिसर पर कब्जा जमाये थीं,यह तो हाल है अधिकारी-कर्मचारियों का ये क्या कार्य करते होंगे,क्या जनहित की सोचते होंगे आप स्वयं सोचिये.