वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि अब यूपी में किसी भी संसदीय सीट का भाजपा प्रत्याशी नहीं बदला जाएगा। अलबत्ता फतेहपुर सीकरी सीट के प्रत्याशी को बदलने पर पार्टी विचार कर सकती है।
चुनावी महासमर में हाट सीट बनी वाराणसी संसदीय का हाल जानने मंगलवार को बनारस आए अमित शाह ने मोदी के बनारस से लड़ने के कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। बोले, चूंकि वाराणसी में सभी धर्मो, जातियों व संप्रदायों के लोग निवास करते हैं इसलिए यह शहर लघु भारत का प्रतीक भी है।
मोदी के यहां से लड़ने का मतलब खुद को पूरे देश से जोड़ लेना है। मोदी काशी से न सिर्फ रिकार्ड मतों से जीतेंगे बल्कि केंद्र में 272 के जादुई आंकड़े से अधिक सीटें पाकर सरकार भी बनाएंगे। केंद्र में एनडीए सरकार बनाने में यूपी नींव का काम करेगी और उस नींव को मजबूती वाराणसी से मिलेगी।
प्रेस कांफ्रेंस में शाह उस वक्त अचरज में पड़ गए जब मीडिया ने चुनाव से ज्यादा जलसंकट पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। भौचक अमित शाह को मीडिया के सामने यह घोषणा करनी पड़ी कि वाराणसी के नाम को सार्थक करने वाली दुर्दशाग्रस्त वरुणा व असि नदियों का उद्धार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के स्थानीय चुनावी एजेंडे में शामिल किया जाएगा। यह पूछे जाने पर आखिर काशी की जनता मोदी को क्यों वोट दे, शाह ने कहा कि मोदी ने गुजरात में अर्बन डेवलपमेंट व नदियों को पुनर्जीवन देने की दिशा में बहुत काम किया है।
इस क्रम में गुजरात की प्रमुख नदी साबरमती के पुनरुद्धार की चर्चा की। जब उनका ध्यान काशी में बेमौत मर रहीं वरुणा व असि नदी की ओर खींचते हुए पूछा गया कि क्या मोदी इन नदियों को भी पुनर्जीवन देंगे, शाह ने कहा अवश्य। भारतीय संस्कृति की जीवनरेखा गंगा के साथ-साथ वरुणा व असि का मामला मोदी के एजेंडे में शामिल होगा। चुनावी चर्चा पर शाह ने कहा कि भाजपा में संसदीय टिकट वितरण पूरी तरह संतुलित है।