आदीवासी अंचल मे महामण्डलेश्वर का पांच दिवसीय धर्म जागरण अभियान(अनिल श्रीवास्तव की रिपोर्ट )
पारा-–धर्म रक्षक द्वारा झाबूआ जिले मे चलाए जा रहे पांच दिवसीय धर्म जागरण अभियान के तहत विख्यात महामण्डलेश्वर स्वामी प्रणवानन्दजी महाराज ने उमरकोट सहीत आसपास के ग्रामिण क्षेत्र मे धर्म सभा को संबोधित के बाद पारा क्षेत्र के ग्राम दोलतपूरा व फुटतालाब मे घर घर जा कर वनवासी भाईयो मे धर्म जागरण कर प्रत्येक को रूद्राक्ष व धार्मिक साहित्य आर्शीवाद स्वरूप भेंट कर अंचल मे धर्म के प्रति अलख जगाने का अपने द्वारा लिए गए संकल्प से अवगत करते हूए बताया कि वे इस तरह से वनवासी बन्धूओ मे समग्र धर्मिक चेतना लाकर समाज की मूख्य धारा मे लाना चाहते हे इस के लिए बार बार इस क्षेत्र मे आना चाहते हे। फुटतालाब जेसे आपराधिक पृष्ठ भूमि वाले गांव मे जाकर स्वामी जी ने सभी लोगो से मिल बात चित कर अभिभूत हूए जहा ग्राम वासीयोने धर्ममार्ग पर चलने के लिए गांव मे मंदिर बनाने का संकल्प लिया वही दोलतपूरा मे परमपरा गत रूप से कलश यात्रा निकाल कर स्वागत किया साथ मे कानूजी महाराज ने भी अमृत वचन कहे। वही तिसरे दिन सागीया कलमोडा मे रामसिह भाई के साथ दूरस्थ अंचल मे धर्म की गंगा बहाते हूए धर्म की तिन मूलभूत विशेषता हे भगवान,संत व धर्मग्रथं इन तिनो के आधार पर जिवन जिया जा सकता हे धर्म से जूडना होतो मन को साफ रखना जरूरी हंे।ज्ञात हो कि स्वामी जी एक दिन मे सूबह दोपहर व शाम को तिन अलग अलग जगहो पर आदीवासी मे धर्म सभाए कर रहे हे।
ग्राम टिचकिया मे नही हूई धर्मसभा–
सागीया व कलमोडा मे धर्म सभा करने पश्चात महामण्डलेश्वर स्वामी प्रणवा नन्दजी शाम को जब ग्राम टिचकिया पहूचे तो वहा के धर्म परिर्वतित लोगो ने स्वमी जी को अपनी धर्मसभा नही करने दी। ग्राम के एक दो नोजवानो ने बताया की उनके उपर दबाव हे कि यहा पर धर्म सभा नही करने दी जाए इससे गांव का माहोल बिगडेगा।जिसे सून कर स्वामी जी आश्चर्य चकित रह गए। ज्ञात हेा कि धर्मरक्षक संगठन ने इस कार्यक्रम केा करने के लिए अनूविभागीय अधिकारी राजस्व से अनूमति प्राप्त की थी।बावजूद इसके तथा कथित धर्म परिर्वतको ने गांव मे धर्मजागरण का कार्य नही करने दिया।
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