मुंबई, 21 मार्च (आईएएनएस)। दक्षिण भारतीय फिल्मों के साथ-साथ बॉलीवुड फिल्मों में नजर आ चुकीं अभिनेत्री काजल अग्रवाल का कहना है कि अच्छे विषय-वस्तु वाली फिल्मों को दर्शकों के बीच पहचान हासिल करने के लिए अधिक प्रचार की जरूरत होती है।
अभिनेत्री ने यह भी कहा कि अच्छे प्रचार के बिना दर्शक सिनेमाघरों तक नहीं पहुंचते और इसका असर फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर होने वाली कमाई पर पड़ता है।
‘सिंघम’ और ‘स्पेशल 26’ में नजर आ चुकीं अभिनेत्री काजल को उनकी पिछली बॉलीवुड फिल्म ‘दो लफ्जों की कहानी’ के लिए काफी प्रशंसा मिली थी। हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई नहीं कर पाई थी।
एक अच्छी कहानी और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सफलता के बीच के संबंध के बारे में काजल ने आईएएनएस से कहा, “मुझे लगता है कि एक अच्छे विषय वाली फिल्म, जिसमें बड़े कलाकार नहीं होते, उस फिल्म को पहचान के लिए अधिक प्रचार की जरूरत होती है।”
काजल ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में हर शुक्रवार को एक नई फिल्म रिलीज होती है और ऐसे में कई अच्छी फिल्में दर्शकों के बीच अपनी पहचान नहीं बना पातीं और शायद इसीलिए, लोगों ने ‘दो लफ्जों की कहानी’ में उनके अभिनय को तो सराहा, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा नहीं कर पाई।
साल 2004 में आई फिल्म ‘क्यों हो गया ना’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत कर चुकीं अभिनेत्री काजल ने कई तमिल और तेलुगू फिल्मों में बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया है। इनमें राम चरण और प्रभास जैसे अभिनेता शामिल हैं।
काजल को ‘सिंघम’ फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। क्षेत्रीय फिल्मों में अपने अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, “मुझे तो यह क्षेत्रीय फिल्म जगत से अधिक भारतीय फिल्म जगत जैसा महसूस होता है। हिंदी और दक्षिण फिल्म जगत में कई तकनीशियन, कोरियोग्राफर और अभिनेता लगातार काम कर रहे हैं।”
वर्तमान में काजल राणा दग्गुबाती के साथ अपनी आगामी तेलुगू फिल्म ‘नेने राजु मंत्री’ की शूटिंग में व्यस्त हैं।