भोपाल :मध्यप्रदेश के दो दिवसीय भ्रमण पर आए विश्व बैंक दल ने आज यहाँ ग्रामीण अंचलों में आजीविका गतिविधियों को पर्यावरण के अनुकूल बनाये जाने की जरूरत बताई है। यहाँ आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में चयनित जिलों में से मंडला और बड़वानी जिलों में इस मकसद से पायलट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन कर लोगों में जागरूकता लाने पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के जरिये ग्रामीण हितग्राहियों को आजीविका के स्थायी और सुदृढ़ संसाधनों के क्रियान्वयन के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों से जोड़े जाने के बारे में सुझाव दिये गये। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्री एल.एम.बैलवाल ने मिशन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला कार्यशाला में भारत सरकार के साथ ही राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी और स्वैच्छिक संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यशाला में स्थाई आजीविका के लिये बदलते पर्यावरण के अनुकूल नई तकनीक को ग्रामीण हितग्राहियों तक पहुँचाने के बारे में भी रणनीति पर विचार हुआ। इस मौके पर विश्व बैंक की पर्यावरण विशेषज्ञ श्रीमती प्रीति कुमार और सुश्री कल्याणी कंदयाला, आजीविका विशेषज्ञ श्री शौविक मित्रा, वित्त विशेषज्ञ श्रीमती मनमिन्दर ममक और श्री एस.सी. राजशेखर मौजूद थे। कार्यशाला में नेशनल मिशन मेनेजमेंट यूनिट के श्री सौरव राय, श्री फिलिप्स मैथ्यू और मध्यप्रदेश प्रदूषण निवारण मंडल के मुख्य रसायनविद् श्री गुणवंत जोशी ने भी भागीदारी की। ग्रामीण हितग्राहियों में जागरूकता के लिये दृश्य-श्रव्य साधनों की उपयोगिता पर चर्चा हुई। इस उद्देश्य से डिजिटल ग्रीन संस्था की मदद से राजगढ़ जिले में ग्रामीणों द्वारा निर्मित वीडियो फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया।