माता अमृतानंदमयी एक विश्व विख्यात हिन्दू संत है जिनके अनुयायी सभी भौगोलिक क्षेत्रों, वर्गों एवं पंथों व सम्प्रदायों में लक्षावधि संख्या में है और वे उन्हें अम्मा इस नाम से सम्बोधित करते है।उन्होंने लाखों की संख्या में पीड़ित मानवता के जीवन को अपने प्रेम तथा ममता से भरे दुक्खनिवारक स्पर्श से अनुगृहीत किया है।
दुक्खनिवारण के अपने अविरत प्रयासों के लिए प्रेमसे गले लगाने वाली ये संत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूनाइटेड नेशंस तथा अन्यान्य देशों द्वारा सम्मानित की जा चुकी है| दिव्य प्रेम कि प्रति मूर्ति’अम्मा’ दुनिया के सुदूर कोने-२में अविरत भ्रमण, अहर्निश प्रवचन, भक्तों के हजारों शंकाओं का शांति से समाधान तथा हजारों पत्र व इ-मेल का उत्तर देने जैसे कार्यों में निरंतर व्यस्त रहती है।
वे गरीब तथा जररूरतमन्द लोगों के लिए असंख्य सामाजिक सेवा के प्रकल्पों के सञ्चालन व प्रबंधन का काम करती है। अपने अविरत परिश्रम के कारण से उन्होंने एक विश्व व्यापी परोपकारी अभियान को प्रेरित किया है।
सन्देहास्पद चरित्र के कुछ पश्चिमी कुटिल गुटों द्वारा ऐसे पवित्र व्यक्ति को दुर्भाव तथा विद्वेष का शिकार बनाना क्षोभित करने वाली बात है। ‘होली हेल’ नाम क यह पुस्तक, सनातन धर्म के बढ़ते प्रभाव को खतरे के रूप से देखने वाले मानवताविरोधी, पश्चिमी कट्टरपंथी तथा रूढ़िवादी पंथिक उन्मादी तत्वों द्वारा सनातन धर्म तथा धार्मिक आंदोलन को बदनाम करने का घृणित प्रयास है।
पुस्तक प्रकाशन का समय, अम्मा के आंदोलन पर पुस्तक में किये गए नितांत गलत व अप्रमाणित आरोप तथा इन विद्वेषपूर्ण व अपमानजनक आरोपों को हिन्दू विरोधी मीडिया व बुद्धिजीवियों द्वारा दिया त्वरित समर्थन किसी कुटिल अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र को इंगित करता है।इसके पूर्व में भी कई हिन्दू संतों को इसी प्रकार विद्वेष का शिकार बनाया गया था।
अम्मा जैसी श्रद्धेय संत को बदनाम करने के प्रयासों कि हम कड़ी भर्त्सना करते है एवं समस्त हिन्दू समाज व विश्व के सुविचारी लोगों को आवाहन करते है कि ऐसे तत्वों को मानवता के शत्रु मानकर उनकी भर्त्सना करे।
रा.स्व.संघ की और से पूज्य अम्मा तथा उनके कार्य के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा को दोहराते हुए अम्मा तथा अन्य हिन्दू संतों एवं संस्थाओं के विरोध में रचे जा रहे सभी दुष्ट षड्यंत्रों को चुनौती देनेवाले सभी प्रयासों को सहयोग का आश्वासन दिया गया.