नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। विधि और न्याय मंत्रालय का न्याय विभाग कानूनी साक्षरता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कानूनी साक्षरता वीडियो प्रतियोगिता 2017 के अंतर्गत सिविल सोसायटी, व्यक्तियों, शैक्षिक संस्थानों से पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित किया है। प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 27 मार्च है।
विधि और न्याय मंत्रालय का न्याय विभाग कानूनी के साक्षरता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न सरकारी तथा गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करना चाहता है और न्याय तक पहुंच के उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में कार्यरत है।
कानूनी साक्षरता वीडियो प्रतियोगिता 2017 के तहत 8 विषयों पर सिविल सोसायटी, व्यक्तियों, शैक्षिक संस्थानों से प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं। 8 विषयों में बाल अधिकार, महिला अधिकार, विशेष आवश्यकताओं वाले लोगों के अधिकार, विचाराधीन कैदियों के अधिकार तथा मौलिक कर्तव्यों में समाज के सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो का कल्याण तथा जाति अत्याचार, नस्ली हिंसा से प्रभावित लोगों, किशोर न्याय तथा वन और स्वदेशी समुदायों का कल्याण है।
विभाग ने विभिन्न श्रेणियों में लघु फिल्मों/वृत्त चित्रों के लिए पुरस्कारों की घोषणा करके कानूनी सहायता और वंचितों के सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने वाले सिविल सोसायटी, व्यक्तियों, शैक्षिक संस्थानों के प्रयासों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
न्याय विभाग को भारत सरकार के कामकाज नियम 1961 के अनुसार गरीबों को कानूनी सहायता देने का कार्य तथा न्याय तक पहुंच के लिए प्रशासनिक और न्यायिक सुधार का कार्य सौंपा गया है। इसके लिए न्याय विभाग भारत के 17 राज्यों – बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर के 8 राज्यों में वंचित आबादी के लिए न्याय तक पहुंच की दो परियोजनाएं लागू कर रहा है।
दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य वंचित लोगों खासकर महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों, वरिष्ठ नागरिकों और विचाराधीन कैदियों के लिए न्याय तक पहुंच की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है। इसके लिए न्याय विभाग उन रणनीतियों और कार्यक्रमों को समर्थन देता है जो वंचित लोगों की बाधाओं को दूर करते हैं और न्याय सेवा प्रदाताओं की संस्थागत क्षमता में सुधार करते हैं ताकि गरीबों और वंचित लोगों की कारगर तरीके से सेवा की जा सके।