नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। मोटरस्पोर्ट्स में गौरव गिल भारत का जाना-माना नाम हैं, लेकिन आगामी कुछ दिन वह ट्रैक से दूर ही रहेंगे। नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि गौरव इस दौरान रेस नहीं करेंगे, अंतर सिर्फ इतना होगा कि इस बार वह जमीन पर नहीं बल्कि पानी पर रेस करते नजर आएंगे।
गौरव शुक्रवार से मुंबई में शुरू हो रहे नेक्सा पी-1 पॉवरबोट इंडियन ग्रांप्री. में हिस्सा ले रहे हैं। प्रयोग के तौर पर इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे गौरव हालांकि अपना पुराना खेल जारी रखेंगे।
इस नए प्रयोग पर उनका कहना है कि वह कुछ अलग करना चाहते थे और पॉवरबोट रेसिंग उन्हें रोमांचक लगी।
पांच बार के राष्ट्रीय चैंपियन गौरव ने आईएएनएस से फोन पर बातचीत में कहा, “यह प्रतियोगिता किसी सड़क या पहाड़ पर नहीं, बल्कि समुद्र में हो रही है। जो अपने आप में चुनौतीपूर्ण है। कार रेसिंग की तरह इसमें रेस कोर्स स्थिर नहीं होगा। हर 10-15 मिनट में लहरें या तो आपके पीछे होंगी या आपके आगे। आप जितना वक्त इसमें बिताएंगे, उतने ही अनुभव के साथ प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। मैंने यही समझने की कोशिश की है।”
एफआईए एशिया पैसिफिक चैम्पियनशिप जीतने वाले भारत के पहले कार रेसर गौरव ने पॉवरबोट रेसिंग के प्रशिक्षण के बारे में बताया, “प्रशिक्षण के लिए मैं ब्रिटेन गया था। वहां सात दिनों तक मैंने प्रशिक्षण के साथ-साथ इस खेल की बारीकियां भी सीखीं।”
गौरव ने सात बार विश्व पॉवरबोट चैम्पियन रह चुके नील होम्स के नेतृत्व में प्रशिक्षण लिया है।
उन्होंने कहा, “मुझे पाॉवरबोटिंग के लिए लाइसेंस भी चाहिए था, जिसका लिखित और अन्य टेस्ट काफी मुश्किल है। मैंने टेस्ट देने के बाद इसका लाइसेंस हासिल किया।”
इस प्रतियोगिता में विश्व भर से पेशेवर पॉवरबोट रेसर हिस्सा लेंगे। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों से मुकाबले को लेकर गौरव ने कहा, “मेरे लिए तो इस प्रतियोगिता में कोई भी परिणाम अच्छा ही रहेगा। इसमें हिस्सा लेने वाले अन्य प्रतिभागी इस खेल के पेशेवर हैं और मैं कार रेसिंग का पेशेवर। तो मैं इसमें जो भी करूंगा, मेरे लिए अच्छा ही होगा।”
इसी साल प्रतिष्ठित मोटरस्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीतने वाले गौरव ने कहा, “ऐसा नहीं है कि अगर मैं पहली बार इस खेल में हिस्सा ले रहा हूं, तो अच्छा नहीं कर सकता। जिस खेल में मैं पेशेवर हूं, उसमें क्षमता और कौशल का दम अधिक चाहिए होता है। इसलिए, मेरे लिए पॉवरबोट रेसिंग मुश्किल नहीं होगी। हालांकि, इसके लिए मुझे अधिक प्रयास करना होगा और वह मैं करूंगा।”
गौरव ने कार रेसिंग में अपने करियर की शुरुआत 18 साल की उम्र में की थी। उनके परिवार में सभी इसी पृष्ठभूमि के हैं। इसलिए, उनका कार रेसिंग में आना स्वाभाविक था।
गौरव से जब पूछा गया कि अगर उन्हें एक बार फिर अपने करियर की शुरुआत करने का मौका मिले, तो वह किस चीज को बदलना चाहेंगे।
इस पर गौरव ने कहा, “सबसे पहली चीज, मैं यही करना चाहूंगा कि मैं 10 या 12 साल की उम्र से पेशेवर चालक के रूप में इस कार रेसिंग में उतरुंगा। मैं भारत की बजाय अपने पेशेवर करियर की शुरुआत यूरोप या किसी अन्य देश में करना चाहूंगा, क्योंकि भारत में खेल मतलब क्रिकेट। इसलिए, अगर मैं कोई चीज बदलना चाहूंगा, तो वो यही होगी कि मैं भारत में नहीं बल्कि विदेश में पेशेवर कार रेसिंग की शुरुआत करना चाहूंगा।”