नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। बिजली बनाने वाली कंपनी टाटा पावर की उत्पादन क्षमता में वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की सकल उत्पादन क्षमता 10,946 मेगावाट हो गई है और इसने विद्युत क्षेत्र के सभी वर्गो जैसे ईंधन सुरक्षा एवं लॉजिस्टिक्स, उत्पादन (तापीय, पन, सौर एवं पवन), संप्रेषण, वितरण एवं व्यापार में उपस्थिति दर्ज कराई है। इस तरह कंपनी ने एकीकृत बिजली कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर लिया है।
एकीकृत उत्पादन वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में 13,022 एमयू पहुंच गया जबकि वित्त वर्ष 2016 की समान अवधि में यह उत्पादन 12,032 एमयू था।
टाटा पावर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल सरदाना ने बताया, “टाटा पावर अपने हितधारकों के लिए बेमिसाल मूल्य का सृजन करता है और यह आगे भी जारी रहेगा। हमने इस तिमाही में दो अतिरिक्त भौगोलिक क्षेत्रों-दक्षिण अफ्रीका और जांबिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। हम देश को गंभीरतापूर्वक सेवाएं प्रदान करना जारी रखेंगे और भारत की विकास कहानी का हिस्सा बने रहेंगे। साथ ही चुनिंदा विदेशी बाजारों में हरित एवं बेहतर परियोजनाओं का चयन करेंगे।”
टाटा पावर ने वर्ष 2025 तक कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता का 30-40 प्रतिशत उत्पादन गैर-जीवाश्म ईंधन के स्रोतों से करने की योजना बनाई है। कंपनी ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के 1,141 मेगावाट का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। इसमें 990 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनायें और लगभग 150 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनायें शामिल हैं।