पुलिस के मुताबिक, कोतवाली फतेहगढ़ के एल21ए जीआरपी क्वार्टर लोको कालोनी निवासी जीआरपी सिपाही गोविंद सिंह कि गर्भवती पत्नी 30 वर्षीय शिखा मंगलवार सुबह घर से दूध लेने निकली थी। उसी समय पहुंचे कुछ युवकों ने उन पर फायरिंग कर दी। दो गोलियां लगने से शिखा मौके पर ही गिर गई।
पति गोविंद सिंह घायल पत्नी को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचा, जहां चिकित्सक ने शिखा को मृत घोषित कर दिया। गोविंद सिंह जीआरपी में सिपाही है और इन दिनों उसकी तैनाती कन्नौज में है। घटना की जानकारी पाकर पुलिस लोहिया अस्पताल पहुंची और शक के आधार पर पति को हिरासत में ले लिया।
आरोपी पति ने पुलिस हिरासत में बताया कि पत्नी के साथ उसका कोई विवाद नहीं था। शिखा गर्भवती थी। वह रोज सुबह 5:30 बजे दूध लेने जाती थी और तकरीबन एक घंटे के बाद वापस आ जाती थी। लेकिन मंगलवार को शिखा घंटा पूरा होने के बाद भी नहीं लौटी। तो उसे तलाशना शुरू किया। तभी सूचना मिली की उसकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
शिखा का शव घर से तकरीबन डेढ़ सौ मीटर दूर झाड़ी में पड़ी थी। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। मुंह में कपड़ा ठुंसा था। सिर में गोली मारी गई थी। गोविंद शिखा को लेकर 7:50 बजे लोहिया अस्पताल पंहुचा। जहां डॉ. मनोज पांडेय ने शिखा को मृत घोषित कर दिया।
शिखा के परिजनों ने गोविंद व उसके परिजनों पर मारपीट कर हत्या किए जाने का आरोप लगाया है। घटना की सूचना मिलने पर सीओ आलोक कुमार, शहर कोतवाल डी.के. सिंह और फतेहगढ़ के कोतवाल अनूप निगम मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आरोपी सिपाही गोविंद को हिरासत में ले लिया, अन्य परिजन मौके से फरार हो गए।
उधर, शिखा के पिता इंद्रपाल सिंह (मैनपुरी के अलूपूरा कुराउली निवासी) ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का विवाह 17 नवंबर, 2010 को गोविंद सिंह के साथ किया था। गोविंद के पिता श्याम सिंह सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
इंद्रपाल ने बताया कि सुबह शिखा के ससुर श्याम सिंह ने फोन कर उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद इंद्रपाल अपनी पत्नी रेशमा देवी व पुत्र यदुवीर सिंह के साथ लोहिया अस्पताल पंहुचे, जहां उन्हें शिखा मृत मिली।
उन्होंने गोविंद पर मारपीट कर हत्या का आरोप लगाया। सीओ सिटी आलोक कुमार ने बताया कि हत्या पति-पत्नी के आपसी विवाद में हुई लग रही है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।