दक्षिणी अफ़्रीका की राजधानी जोहानिसबर्ग में हो रहा नौवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन समाप्त हो गया। इस त्रिदिवसीय सम्मेलन के अन्तिम दिन यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हिन्दी को सँयुक्त राष्ट्रसंघ की एक भाषा बनाने के लिए कोशिश की जाएगी।
सम्मेलन में यह तय किया गया कि दुनिया के उन शिक्षा-संस्थानों की एक सूची तैयार की जाएगी, जहाँ हिन्दी का अध्ययन और अध्यापन किया जाता है तथा विभिन्न देशों में हिन्दी के अध्यापन के लिए एक विशेष कोर्स भी तैयार किया जाएगा।
आज डेढ़ अरब लोगों द्वारा बोली जाने वाली हिन्दी को राष्ट्रसंघ की एक भाषा बनवाने का विचार आज से 37 साल पहले प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन में सामने आया था। अभी तक सिर्फ़ छह भाषाओं को ही यानी अँग्रेज़ी, अरबी, स्पानी, चीनी, रूसी और फ़्राँसिसी को ही राष्ट्रसंघ के कामकाज की भाषा का दर्ज़ा प्राप्त है। इन्हीं छह भाषाओं में राष्ट्रसंघ के सभी दस्तावेज़ों का पूरा-पूरा अनुवाद किया जाता है।