अनिलसिंह(धर्मपथ)– सीधी जिले से लौटकर– पिछले दिनों खबर आई की सीधी में किसी वनकर्मी को जला दिया गया है कारण जानने हम पहुंचे सीधी जिले की चितरन्गी तहसील के गढ़वा थाने के अंतर्गत आने वाली संजय गाँधी राष्ट्रीय अभ्यारण्य के सोन घडियाल रिज़र्व की देवेरा वन चौकी पर.
सोन नदी से अवैध खनन माफिया,वनकर्मी और पुलिस की दोस्ती का नतीजा थी यह घटना
सोन घडियाल अभ्यारण्य मध्यप्रदेश की सीमा में आता है,नदी उस पार उत्तरप्रदेश की सीमा लगती है,मुख्यतः उत्तरप्रदेश का माफिया स्थानीय लोगों की मदद से इस अवैध उत्खनन को अंजाम देते हैं,इस खनन कारोबार का मुख्य बाजार उत्तरप्रदेश है इन माफियाओं का कार्य मात्र इतना होता है की ये ट्रॅक्टर ट्राली से रेत सोन नदी के पहाड़ों के पार मिर्जापुर सीमा में पहुंचा दें.
पुलिस और वनकर्मियों का हिस्सा बंधा है
एक ट्राली के 500 रुपये स्थानीय पुलिस थाने में देने होते हैं,वनकर्मियों को भी इतना ही हिस्सा जाता है ,शराब और मांस की पार्टी अलग से.एक पुलिसकर्मी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया की यह आदिवासी क्षेत्र है यहाँ आदिवासी बहुत गरीब हैं इस इलाके में पुलिस और वन विभाग की अवैध कमाई का यही जरिया है चूंकि किसी बाहरी व्यक्ति का इस क्षेत्र में पहुंचना मुश्किल है इसीलिये यह सब निर्बाध गति से चल रहा है.मिर्जापुर की सीमा में पहुचने पर यही ट्राली पांच हजार में बिकती है.
प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण भूभाग में पर्यावरण का विनाश हो रहा है
जब हम रास्ते में थे तो कई जगह पहाड़ों को काट कर पत्थर बनाये जा रहे थे,जब हमने फोटो लेनी चाही तब स्थानीय पत्रकारों ने मना कर दिया की यदि यह किया तो हम यहाँ से बाहर नहीं निकल पायेंगे.यदि हम पुलिस को बताते या उनकी मदद लेते तब हमें यह बताया गया की माफिया और जल्दी हमें पकड़ लेता.इस खूबसूरत वनवासी क्षेत्र में विनाश का वह तांडव मचा हुआ है जो इस धरती के प्राकृतिक स्वरूप को बिगाड़ देगा.
क्या थी घटना?
दरअसल वन -क्षेत्रपाल फुलेल सिंह और खनन माफिया पिंटू सिंह की दोस्ती बहुत पुरानी है ,पिंटू सिंह की पास ही में ससुराल है तथा वह वाराणसी का निवासी है,वह यहाँ सरलता से हो रहे इस फायदेमंद व्यवसाय का भागीदार बन गया.इसी गांव का एक व्यक्ति अष्टभुजा सिंह जो की पेशे से गांव में ही शिक्षक है का बेटा इसी गांव का सरपंच है यह व्यक्ति भी अपने इलाके में खनन का अवैध कारोबार करता है जब पिंटू इस पेशे में घुसा तब यह बात अष्टभुजा सिंह को अपने अधिकार क्षेत्र में नागवार गुजरी और उसने समय मिलते ही पुलिस की मदद से पिंटू और पाण्डेय नामक व्यक्ति के ट्रॅक्टर जब्त करवा दिये ,पिंटू का एक और पाण्डेय के दो ट्रॅक्टर राजसात हुए हैं.इसी ट्रॅक्टर को किसी प्रकार छुडवाने हेतु पिंटू नें फुलेल को साधना शुरू किया ,इसी तारतम्य में वह फुलेल को लेकर अपनें पुश्तैनी गांव भी गया जहां फुलैल की खूब खातिर की गयी.घटना की रात फुलैल और पिंटू ने खूब शराब पी जो की देवरा चौकी में ही किया गया वहां नशे में किसी बात पर झगड़ा होने पर दोनों में (
asthbhuja singh )झगड़ा हुआ और ये दोनों थक हार कर वहीं गिर गये और रात भर वहीं पड़े रहे,नशे में इन्हें यह भी होश नहीं रहा की ये चूल्हे की आग पर पड़े हुए हैं और इनके कपड़े भी कुछ जल गये.
वन विभाग में औचक तबादले हुए
घटना के सामने आते ही तुरत-फुरत तबादले देवरा चौकी से किये गये,सबसे शंकास्पद तबादला उस चौकी के चौकीदार का रहा जो घटना का इकलौता गवाह है,हमने भी जब उससे मिलने की कोशिश की तह गांव के लोगों ने उसे छुपा दिया और हमसे नहीं मिलने दिया गया .
इस यात्रा में हमने और भी कई खबरें प्राप्त की जिसमें महिला और बाल विकास की मध्यान्न भोजन योजना,सूदा में निकली सोने की खदान ,रिलायंस की बिजलीघर की परियोजना आदि ऐसी खबरों का खुलासा है जो हम आपके सामने पेश करेंगे,इस खबर को लेने जाने में हमारे मित्र विभाग जनसंपर्क का सहयोग ना देना दुखदायक रहा,अधिकारियों ने सिंगरौली में वाहन उपलब्ध करवाने से मना कर दिया हाँ किसी के घूमने फिरने ,शादी-ब्याह,तेरहवीं में शामिल होने के लिये गाड़ियों का काफिला पेश करने में उसे कोई गुरेज नहीं…….आगे और भी है