नई दिल्ली: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कबूल किया है कि उत्तर प्रदेश में नकली दूध का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. अखिलेश सरकार ने ये भी कहा है कि वो इसपर रोक लगाने में नाकाम रहे हैं.
अगर आपका दूध यूपी के रास्ते से होते हुए आपतक पहुंच रहा है तो सावधान हो जाइए. ज्यादातर आशंका इस बात की है कि आपका दूध नकली हो सकता है. उत्तर प्रदेश में सफेद पेंट, कास्टिक सोडा, डिटर्जेंट, शैंपू, यूरिया, स्टार्च और ब्लॉटिंग पेपर की जहरीली मिलावट से नकली दूध का काला धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. ये जहरीला मिलावटी दूध आपके हृदय, फेफड़े, लिवर के लिए बेहद नुकसानदेह है और यहां तक कि इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है.
अपनी शुरुआती स्वीकारोक्ति में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उत्तर प्रदेश में नकली दूध का काला धंधा बेलगाम हो चुका है और इसे रोक पाने में सरकार असमर्थ रही है. नकली दूध के धंधे के मामले में दाखिल एक जनहित याचिक पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया था. जिसपर कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के फूड सेफ्टी असिस्टेंट कमिश्नर विजय बहादुर ने बताया कि त्योहारों के मौसम में जब डिमांड पीक पर होती है, उस वक्त नकली दूध का कारोबार बाजार को गिरफ्त में ले लेता है.
उन्होंने बताया कि जनवरी 2012 से मई 2013 के बीच भरे गए दूध के सैंपलों में से 1280 सैंपलों में डिटर्जेंट, स्टार्च, कार्बोहाइड्रेड और पेंट की मिलावट पाई गई. इनके अलावा अगस्त 2013 से अब तक भरे गए दूध के 613 सैंपलों में से 207 सैंपल नकली दूध के पाए गए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि फैजाबाद, मुरादाबाद, आगरा और सहारनपुर जैसे जिलों में नकली दूध के मामले सबसे गंभीर हैं. अदालत यूपी सरकार के हलफनामे पर सु्प्रीम कोर्ट ब्रहस्पतिवार को सुनवाई करेगी.