मुंबई। दाऊदी बोहरा समुदाय के आध्यात्मिक नेता डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का शनिवार को यहां उनके मालाबार निवास से कड़ी सुरक्षा के बीच जनाजा निकला जबकि उनको खिराजे अकीदत पेश करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्हें भिंडी बाजार में रौदत ताहिरा कब्रिस्तान में दफनाया गया।
उनके पिता ताहेर सैफुद्दीन ने उन्हें 19 वर्ष की आयु में ही अपना उत्तराधिकारी अर्थात बोहरा समुदाय का दाई-अल-मुतल्लक नियुक्त कर दिया था। 1965 में अपने पिता की मृत्यु के बाद से वह दाऊदी बोहरा समुदाय का मार्गदर्शन करते आ रहे थे। उनके बाद उनके दूसरे पुत्र सैयदी मौलया आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन बोहरा समुदाय के धर्मगुरु होंगे।
दाऊदी बोहरा शिया मुसलमानों का एक पंथ है और ये लोग दुनियाभर में फैले हैं। उनका एक मुख्य सिद्धांत देशभक्ति भी है। दुनियाभर के दाऊदी बोहरा समुदाय के 52वें दाई अल मुतलक डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन सैयदना ताहिर सैफुद्दीन के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने 1965 में अपने पिता के निधन के बाद उनका स्थान लिया था।
डॉ. बुरहानुद्दीन अपने समाज में पुरुषों एवं महिलाओं की शैक्षणिक योग्यता पर जोर देने के लिए जाने जाते हैं। उनके द्वारा स्थापित सैफी बुरहानी अपलिफटमेंट ट्रस्ट द्वारा समाज कल्याण के क्षेत्र में कई काम किए जा रहे हैं।