विद्यार्थियों से निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने वाले इंजीनियरिंग एवं बी.एड. कॉलेजों के विरुद्ध एफ.आई.आर. करवायें। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति की बैठक में कही। श्री गुप्ता ने कहा कि साल में कम से कम एक बार प्रायवेट इंजीनियरिंग कॉलेज का निरीक्षण जरूर करें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी विद्यार्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिये। यदि विद्यार्थी संस्था को छोड़ता है, तो उसकी कॉशन मनी और मूल दस्तावेज वापस किये जायें।
अनियमितता पर संबद्धता समाप्त होगी
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेजों की विश्वविद्यालय से संबद्धता की शर्त में यह शामिल करें कि संस्था में छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता पाये जाने पर संबद्धता स्वमेव समाप्त होगी।
सभी इंजीनियरिंग एवं बी.एड. कॉलेज में पढ़ने वाले अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति उनके बैंक खाते में डाली जाये। इसके लिये सभी विद्यार्थियों के बैंक खाते भी खुलवायें।
हेल्प लाइन नम्बर
श्री गुप्ता ने कहा कि विनियामक समिति और तकनीकी शिक्षा संचालनालय में विद्यार्थियों के लिये हेल्प लाइन नम्बर प्रारंभ किये जायें। इस नम्बर में विद्यार्थी फीस, छात्रवृत्ति सहित अन्य समस्याओं की शिकायत कर सकेगा। प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई भी की जाये। हेल्प लाइन नम्बर को सभी कॉलेज में डिस्प्ले भी करवाया जाये। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि बदनीयती से की गयी किसी भी गलती को माफ नहीं किया जाये।
समिति हर तीन वर्ष में निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं की फीस निर्धारित करती है। समिति को सिविल न्यायालय की समस्त शक्तियाँ प्राप्त हैं।
241 शिकायत निराकृत
सत्र 2013-14 में प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति को 270 शिकायत प्राप्त हुईं। इनमें 241 शिकायत का निराकरण हो चुका है।
बैठक में समिति के चेयरमेन श्री टी.आर. थापक एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।