नोबल पुरस्कार से सम्मानित बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा है कि संघ देशभक्त संगठन है. उन्होंने कहा कि हमारे संघर्ष में संघ ने हमेशा साथ दिया है। संघ का समर्थन हमारे लिए सदैव प्रेरणादायी रहा है। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अनुशासन और समर्पण के बीज बोने में अथक मेहनत की है और देश के कल्याण के लिए काम किया है।
दलाई लामा ने नागपुर स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन का दौरा किया । उन्होंने स्मृति मंदिर में संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार की समाधि स्थल के दर्शन कर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर दलाई लामा ने कहा कि भारत और तिब्बत के सम्बन्ध ऐतिहासिक एवं प्राचीन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तिब्बत की जनता से हमेशा संपर्क बनाए रखा . इस देश के नैतिक मूल्य अनुकरणीय है।
एक प्रश्न के जवाब में दलाई लामा ने कहा कि अब चीन के व्यवहार में भी बदलाव हो रहा है।
दलाई लामा की भेंट सरसंघचालक से नहीं हो पाई, लेकिन डॉ. मोहन भागवत ने हैदराबाद से फ़ोन कर दलाई लामा का सभी स्वयंसेवकों की तरफ से अभिवादन किया। सरसंघचालक ने अपने सन्देश में कहा कि भारत और तिब्बत के बीच आध्यात्मिक सम्बन्ध हैं और मानव कल्याण के लिए दोनों ही देश प्रयत्नशील हैं। संघ प्रमुख ने दलाई लामा को भरोसा दिलाया कि तिब्बत के लिए उनके संघर्ष में संघ हमेशा उनके साथ है।
इस अवसर पर संघ के पश्चिम क्षेत्र के सहकार्यवाह रवींद्र जोशी ने दलाई लामा को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। विदर्भ प्रान्त सहसंघचालक राम हरकरे, नागपुर महानगर संघचालक दिलीप गुप्ता और अन्य अधिकारी इस दौरान उपस्थित थे।
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