सोमवार को भारत में उस दिन की तीसरी वर्षगांठ मनाई जा रही है जब से इस देश में पोलियो का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है|
पोलियो का आखिरी केस 13 जनवरी 2011 को एक दो साल की बच्ची का दर्ज किया गया था| यह भारत में स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में एक सबसे बड़ी उपलब्धि है| 1990 के दशक के मध्य में सरकार, परोपकारी संस्थाओं, तथा निजी वित्तीय सहायता से पोलियो की “दो बूंदें” पिलाने का देशव्यापी अभियान चलाया गया| लगभग 25 लाख वालंटियरों ने देश के दूर-दूर के कोनों में जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई| आशा की जा रही है कि फरवरी या मार्च में विश्व स्वास्थ्य संगठन आधिकारिक तौर पर भारत को पोलियो-मुक्त देश घोषित कर देगा| इस संगठन में पोलियो विशेषज्ञ हमीद जाफरी ने भारत में पोलियो रहित तीन वर्षों को एक “महान चरण” कहा है| उन्होंने कहा कि अब भारत का अगला प्रमुख ध्येय है खसरे पर जीत पाना|