भोपाल। जियोग्राफिक इंडिकेशन (जीआई), चेन्नई द्वारा बासमती चावल के पेटेंट को हरी झंडी मिलने के बाद मध्यप्रदेश सरकार उत्साहित है। सरकार अब प्रदेश की दूसरी विरासतों का पेटेंट कराने जा रही है। इनमें झाबुआ में मिलने वाला कड़कनाथ मुर्गा भी शामिल है।
90 के दशक में विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया कड़कनाथ काले लजीज मांस के लिए प्रसिद्ध है। इसका विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। किसान कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा के मुताबिक विभाग कड़कनाथ के अलावा जमनापरी बकरी, निमाड़ी गाय और शरबती गेहूं के पेटेंट के लिए भी आवेदन दाखिल करेगा।