पिछले आठ वर्ष से वह कोमा की अवस्था में थे| कई दशकों तक शरोन इज़रायल के राजनीतिक मंच पर एक प्रमुख हस्ती थे| इज़रायल के अनेक निवासी उन्हें राष्ट्र-वीर ही नहीं, देश का प्रतीक भी मानते हैं|
अरिएल शरोन का जन्म 1928 में क्फार मलाल नामक बस्ती में रूस से यहां आकर बसे एक परिवार में हुआ| उनके माता-पिता खेती करते थे| 1948 में पहला अरब-इज़रायल युद्ध छिड़ने पर वह तुरंत ही पढाई छोड़कर मोर्चे पर चले गए| शरोन के सैनिक करियर को सफल माना जाता है|
1970 के दशक के आरंभ में सेना छोडकर वह राजनीति के मैदान में उतर आए| 1973 में वह पहली बार ‘लिकुद’ पार्टी के टिकट पर देश की संसद के सदस्य निर्वाचित हुए| 1980-1990 के दशकों में वह कृषि, रक्षा, व्यापर एवं उद्योग, निर्माण तथा आधारिक संरचना के और विदेश मंत्री भी रहे| उन्होंने जार्डन नदी के पश्चिमी तट पर तथा गज़ा पट्टी में यहूदी बस्तियां बनाने की योजना तैयार की थी| सख्त कदमों के समर्थक शरोन ने अचानक 2005 में गज़ा पट्टी से यहूदी बस्तियां हटाने और जार्डन नदी के पश्चिमी तट पर दीवार बनाने का ऐलान किया| उनकी पार्टी वाले इन कदमों के इतने खिलाफ थे कि शरोन ने लिकुद पार्टी ही छोड़ दी और ‘कदीमा’ (आगे) नाम से एक नई केन्द्रवादी पार्टी बनाने का ऐलान किया|